हिमाचल के 240 स्कूलों में शुरू होंगे प्री वोकेशनल कोर्स, छठी से आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ेंगे विद्यार्थी
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब छठी से ही विद्यार्थी आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़़ेंगे। 240 स्कूलों में प्री वोकेशनल कोर्स शुरू होंगे। नए शैक्षणिक सत्र से कोर्स को शुरू करने की स्वीकृति दे दी है। छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ये कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अब छठी कक्षा से ही विद्यार्थी आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़़ेंगे। प्रदेश के 240 स्कूलों में प्री वोकेशनल कोर्स शुरू होंगे। नए शैक्षणिक सत्र से इन कोर्स को शुरू करने की स्वीकृति दे दी है। छठी से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए ये प्री वोकेशनल कोर्स शुरू किए जा रहे हैं।
समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक वीरेंद्र शर्मा की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। सरकारी स्कूलों में अब तक नौवीं से जमा दो तक वोकेशनल विषय पढ़ाए जाते हैं। 12 से ज्यादा वोकेशनल विषय स्कूलों में पढ़ाए जाते हैं। अब छठी कक्षा से ही वोकेशनल विषय के बारे में बताया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि उनकी किस विषय में रुचि है, ताकि आगे की कक्षा में पहुंचने के बाद वे उन्हीं विषयों में दाखिल ले सके।
वोकेशनल विषयों में रोजगार और स्वरोजगार की अपार संभावना है। जमा दो पास करने के बाद भी युवाओं को नौकरी मिल सकती है। यदि वे कालेज जाकर वोकेशनल में डिग्री करना चाहते हैं तो उन्हें अच्छे पैकेज पर नौकरी मिलती है। नई शिक्षा नीति के तहत ये प्रविधान किए जा रहे हैं। समग्र शिक्षा अभियान की ओर से प्रदेश के सभी स्कूलों को पहले चरण में 15-15 हजार रुपये का बजट भी जारी किया गया है। शिक्षकों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
सप्ताह में एक या दो दिन लगेगी कक्षा
पहले चरण में वोकेशनल विषय केवल जानकारी देने के लिए पढ़ाए जाएंगे। सप्ताह में दो दिन या फिर अन्य गतिविधियों के लिए रखे गए पीरियड में इसके बारे में बताया जाएगा। वोकेशनल विषय पढऩे के क्या फायदे हैं, किन विषयों में रोजगार की कितनी संभावना है, इसकी जानकारी दी जाएगी।
उद्योगों का भ्रमण करवाया जाएगा
विद्यार्थियों को उद्योगों का भ्रमण भी करवाया जाएगा, ताकि उन्हें तकनीकी ज्ञान मिल सके। प्री वोकेशनल में यह ट्रेङ्क्षनग साल में 10 दिन करवाई जाएगी और इसकी रूपरेखा स्कूल तैयार करेंगे। गेस्ट लेक्चर के लिए भी विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। स्कूलों में पर्यटन, कृषि, बागवानी, हेल्थ केयर, आइटी जैसे विषय वोकेशनल के तौर पर पढ़ाए जा रहे हैं।