पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर प्रधान नहीं कर सकेंगे जुर्माना
पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर अब पंचायत प्रधान जुर्माना नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी पंचायत में कोई कार्रवाई व जुर्माना न होने पर यह शक्तियां छीन ली हैं। सरकार अब पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जुर्माना करने की शक्ति प्रदान कर रही है।
यादवेन्द्र शर्मा, शिमला। हिमाचल प्रदेश में पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर अब पंचायत प्रधान जुर्माना नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी पंचायत में कोई कार्रवाई व जुर्माना न होने पर यह शक्तियां छीन ली हैं। सरकार अब पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जुर्माना करने की शक्ति प्रदान कर रही है। जो 500 से 5000 रुपये तक जुर्माना कर सकेंगे। इसके लिए प्रदेश में पालतू पशुओं गाय, बैल, भैंस, बछड़े आदि की टैगिंग व पंजीकरण किया जा रहा है। अभी तक 80 फीसद टैगिंग हो चुकी है। एक माह में शेष कार्य भी होने का दावा है। इसके बाद पशुओं को बेसहारा छोड़ना आसान नहीं होगा। टैग के आधार पर पशु के मालिक की पहचान की जा सकेगी।
पशुओं को बेसहारा छोडऩे का कारण
प्रदेश में पालतु पशुओं को बेसहारा छोडऩे का सबसे बड़ा कारण गायों का दूध न देना और खेती में ट्रैक्टर व पावर टिल्लर का प्रयोग होना है। इससे बछड़ों व बैलों को बेसहारा छोड़ा जा रहा है। अन्य राज्यों से भी पशुओं को बेसहारा छोडऩे के मामले आ रहे हैं। सड़कों पर इन पशुओं के झुंड अक्सर नजर आते हैं। कई बार बेसहारा पशु सड़क हादसों का कारण भी बन रहे हैं, जिससे लोगों को असमय जान गंवानी पड़ रही है। प्रदेश के कई हिस्सों से लोगों पर हमला करने के मामले भी सामने आते रहे हैं।
प्रदेश में बेसहारा पशुओं की संख्या
जिला,संख्या
बिलासपुर,666
चंबा,138
हमीरपुर,1858
कांगड़ा,3517
कुल्लू,669
मंडी,1275
शिमला,2486
सिरमौर,500
सोलन,709
ऊना,1340
किन्नौर,350
कुल,13508
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प्रदेश में बेसहारा पशुओं से निजात के लिए गो अभयारण्य बनाए जा रहे हैं। पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर पंचायत प्रधानों ने कोई जुर्माना नहीं किया। अब यह शक्ति पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सौंपी जा रही है। टैङ्क्षगग के बाद यदि किसी जानवर की मौत होती है तो उसका पोस्टमार्टम कर उसका नाम हटा दिया जाएगा। नवजात को पंजीकृत कर टैगिंग की जाएगी।
-वीरेंद्र कंवर, पशुपालन व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री।