5100 रुपये प्रति क्विंटल बीज खरीदकर आठ रुपये प्रति किलो बिक रहा आलू, नगरोटा के आलू उत्पादक परेशान
Himachal Potato Farmers कोरोना महामारी की मार से जिस प्रकार व्यापारियों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। उसी तरह नगरोटा बगवां का किसान भी इसके नुकसान से अछूता नहीं रहा है। नगरोटा बगवां का जो आलू खरीदारों को आकर्षित करता था
नगरोटा बगवां, संवाद सूत्र। Himachal Potato Farmers, कोरोना महामारी की मार से जिस प्रकार व्यापारियों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है। उसी तरह नगरोटा बगवां का किसान भी इसके नुकसान से अछूता नहीं रहा है। नगरोटा बगवां का जो आलू खरीदारों को आकर्षित करता था उसी आलू के उत्पादकों को कोरोना महामारी के चलते खरीदार न मिलने के कारण आलू की फसल को कम दाम में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है। नगरोटा बगवां की पंचायत मलां, अम्बाडी, पठियार लाखामंडल , कबाड़ी, चाहड़ी मुहालकड इत्यादि के आलू उत्पादकों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर 5100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से इस बार आलू का बीज खरीद कर बिजाई की थी। समय पर बारिश न होने के कारण एक तो किसानों और सूखे की मार पड़ी जिस कारण एक तो उत्पादन कम हुआ।
दूसरा जब आलू को बेचने का समय आया तो कोरोना के कारण लॉकडाउन लग जाने से बाहरी राज्यों से आने बाले व्यापारी नही आए। जिस कारण किसानों का आलू उनके कच्चे गोदामो में डंप हो गया है। बाजार में इस समय 8 से 10 रुपये भाव मिल रहा है, जिससे किसानों का खर्च पूरा होना ही नामुमकिन है। यदि समय पर किसानों को आलू के खरीददार न मिले तो उनका आलू घरों में पड़ा सड़ जाएगा। जिससे किसान बैंकों और सोसाइटी ओके कर्जदार हो जाएंगे और रोजी रोटी चलाना मुश्किल हो जाएगा।
ग्राम पंचायत उपरली मझेठली की प्रधान पुष्पा देवी व आलू उत्पादक संघ जिला कांगड़ा के समन्वयक प्रेम बलिहारी ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि आलू उत्पादकों को आलू न्यूनतम 26 प्रति किलो के हिसाब से समर्थन मूल्य दिया जाए तथा आलू को वैज्ञानिक तरीके से स्टोर करने की बिधि विकसित की जाए तथा उसमे किसानों को पॉलीहाउस की तर्ज पर सब्सिडी दी जाए।