नाले में कूड़ा जलाने से लोग आक्रोशित
संवाद सहयोगी ज्वालामुखी शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के कूड़े को साथ लगते नाले में इकट्ठा
संवाद सहयोगी, ज्वालामुखी :
शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर के कूड़े को साथ लगते नाले में इकट्ठा करके जलाने से प्रदूषण फैल रहा है, जिससे लोगों में रोष है। स्थानीय लोगों ने बताया कि ज्वालामुखी मंदिर में जो भी कूड़ा कचरा इकट्ठा होता है, उसे मंदिर के कर्मचारी साथ लगते नाले में फेंक कर जला देते हैं, जिससे आसपास के घरों में लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इस संदर्भ में लोगों ने कई बार मंदिर अधिकारी से शिकायत भी की है, लेकिन उसके बावजूद मंदिर कर्मचारी नहीं मानते हैं, जिससे आसपास के घरों में लोगों में इस कचरे के जलने से उठने वाले धुएं से गंभीर बीमारियों के फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
गौरतलब है कि मंदिर में इकट्ठा होने वाला टनों के हिसाब से कूड़ा नाले में इकट्ठा किया जाता है और उसे वहां पर जलाया जाता है, जिससे यहां का वातावरण भी हमेशा दूषित रहता है और पर्यावरण को भी इससे गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है। मंदिर न्यास ज्वालामुखी के सदस्यों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि कूड़ा कचरा नाले में जलाने की बजाय इसे नगर परिषद के सफाई कर्मचारियों के हवाले किया जाए, ताकि वे इसे शहर के कूड़े के साथ कहीं खुले स्थान में ठिकाने लगा सके। उन्होंने कहा कि कूड़े को नाले में जलाकर पर्यावरण को दूषित किया जा रहा है और लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ हो रहा है जो तर्कसंगत नहीं है। इसलिए मंदिर प्रशासन तुरंत इस पर रोक लगाए और नगर परिषद ज्वालामुखी से संपर्क करें कि गाड़ियों में इस कचरे को शहर से बाहर भिजवाने की व्यवस्था की जाए। मंदिर अधिकारी निर्मल सिंह ने बताया कि वे इस मामले की जानकारी हासिल करेंगे, यदि ऐसा हो रहा होगा तो उसे बंद किया जाएगा। नगर परिषद ज्वालामुखी के अध्यक्ष धर्मेंद्र शर्मा बंटू ने कहा कि शीघ्र ही इस बाबत मंदिर न्यास ज्वालामुखी को नगर परिषद नोटिस निकालेगी, ताकि भविष्य में इस प्रकार का कार्य न हो सके। इससे लोगों की सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है। लोगों के घरों में बुजुर्ग रहते हैं जिनकी सांस लेने में समस्या हो सकती है, इसलिए मंदिर प्रशासन नाले में कूड़ा जलाने की प्रथा को बंद करना चाहिए, अन्यथा इसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी को भी की जाएगी।