Pollution: हिमाचल में इन तीन महीनों के दौरान उच्च स्तर पर रहता है प्रदूषण, पढ़ें पूरा मामला
Himachal Pollution Level देवभूमि में प्रदूषण तीन माह अक्टूबर नवंबर और दिसंबर में सबसे उच्च स्तर पर होता है। इसके कई कारण हैं जिसमें उद्योगों में अधिक उत्पादन कृषि फसलों के अवशेषों का जलाया जाना कच्ची सड़कों से उठने वाली धूल और दीपावाली पर चलने वाले पटाखे आदि शामिल हैं।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। देवभूमि हिमाचल में प्रदूषण तीन माह अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर में सबसे उच्च स्तर पर होता है। इसके कई कारण हैं, जिसमें उद्योगों में अधिक उत्पादन, कृषि फसलों के अवशेषों का जलाया जाना, कच्ची सड़कों से उठने वाली धूल और दीपावाली के अवसर पर चलने वाले पटाखे आदि शामिल हैं। प्रदूषण के स्तर को बढऩे से रोकने के लिए प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और कृषि विभाग ने कृषि फसलों के अवशेषों के जलाने और पेडों की कांट-छांट के बाद के अवशेषों को जलाने पर रोक लगाई।
पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा में पराली को जलाने से प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। प्रदेश में भी कृषि फसलों के अवशेषों को जलाया जाता है, जो प्रदूषण के स्तर को बढ़ाता है। हालांकि प्रदेश में धान की खेती 74 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में होती है और करीब 1.34 लाख टन धान का उत्पादन होता है। लेकिन कृषि अवशेषों का यहां इतने बड़े स्तर पर नहीं जलाया जाता है।
पराली का ढींगरी के उत्पादन के साथ पशु चारे में इस्तेमाल
प्रदेश में पराली या पुआल का उपयोग पशुचारे के साथ ढींगरी मशरुम के उत्पादन के लिए हो रहा है। इसलिए इसे बेहद कम तादाद में जलाया जाता है। हालांकि ठूंठ और अवशेषों को अवश्य खेतों में जलाया जाता है। सर्दियाें में घासणी में लगाई जाने वाली आग भी प्रदूषण को बढ़ाने का काम कर रही है। ऐसा करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
क्या कहते हैं अधिकारी
हवा की गुणवता की जांच में आरएसपीएम का स्तर मापा जाता है। 60 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर सामान्य माना जाता है। प्रदेश में अक्टूबर से दिसंबर के बीच आरएसपीएम का स्तर इस प्रकार है।
प्रदेश में कहां कितना आरएसपीएम का स्तर स्थान, 2017, 2018, 2019, सितंबर 2020 शिमला, 46-63, 60-90, 40-60, 32-54 बद्दी, 191-222, 189-227, 152-165, 119 नालागढ़, 148-154, 149-172, 89-117, 83 काला अंब, 150-160, 101-144, 115-146, 71 धर्मशाला, 26-35, 35-48, 30-45, 30 पांवटा साहिब, 80-110, 62-112, 66-96, 87 परवाणु, 65-75, 66-76, 56-76,