प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव के समापन पर वरिष्‍ठ कवियों ने किया काव्‍य पाठ

हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव के समापन पर कई महान कवियों ने कविताएं सुनाईं। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ रोशन लाल शर्मा ने भी काव्‍य वाठ किया।

By Richa RanaEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 04:01 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 04:01 PM (IST)
प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव के समापन पर वरिष्‍ठ कवियों ने किया काव्‍य पाठ
प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव पर कई महान कवियों ने कविताएं सुनाईं।

धर्मशाला, जेएनएन। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव के समापन पर कई महान कवियों ने कविताएं सुनाईं। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्‍वविद्यालय के कुलपति डॉ रोशन लाल शर्मा ने भी काव्‍य पाठ किया। ये कार्यक्रम वर्चुअल माध्‍यम पर आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम के समापन पर उन्होंने भाषा पीठ और पंजाबी-डोगरी विभाग को इस तीन दिवसीय काव्य उत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई दी। काव्य उत्सव में विश्‍वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने भी भाग लिया। केंद्रीय विश्‍वविद्यायल धर्मशाला के भाषा संकाय की ओर से तीन दिवसीय महाराजा दाहिर सेन सप्त सिंधु काव्य उत्सव सोमवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम के पहले दिन भाषा संकाय प्रमुख बृहस्पति मिश्र ने सबका स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ नरेश कुमार ने किया। दूसरे दिन बतौर मुख्यअतिथि पंजाब भवन कैनेडा के संस्थापक सुखी बाठ और बतौर विशेष अतिथि आइपीएस डॉ मनमोहन शामिल हुए। इस दिन लगभग 15 कवियों ने काव्य पाठ किया जिसमें परमिन्द्र सोडी, सुरेंदर गीत, सुखविंदर कमवोझ, कुलविंदर, डॉ बनिता, डॉ वरिंद्र कौर, जगदीप सिधु, राजलाली, दिलवीर दिल निज्जर, सुरजीत कौर, ठाकुर इंद्र सिंह, जगदेव सिंह, देविन्द्र सेफी शामिल रहे।

वहीं दूसरे दिन कार्यक्रम का संचालन डॉ हरजिंदर सिंह ने किया और डॉ नारायण सिंह राव ने सभी महमानों का इस कार्यक्रम में भाग लेने का आभार जताया। कार्यक्रम के अंतिम दिन डॉ जगवीर सिंह ने मध्यकालीन भारतीय साहित्य, और भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपने विचार प्रस्तुत किए। बतौर अतिथि माधव कौशिक ने अपनी कविताएं सुनाई और भारतीय परंपरा पर अपने विचार रखे। गुरभजन गिल ने भारतीय और पंजाबी साहित्य की खूबियों पर अपने विचार रखे और अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम का सचांचन डा ओम प्रकाश प्रजापति ने किया। कार्यक्रम में डा सरबजीत कौर, पाकिस्तान से सफिया हयात, डॉ पूनम द्वेदी, नंदिता शर्मा, प्यारा सिंह कुडोवाल, नवनीत शर्मा, कनेडा से अजय अबलोवाल व डा मोहन त्यागी ने अपनी रचनाएं पेश कीं।

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथियों का स्वागत डा नदंरूी राज गोपाल ने किया और धन्यवाद डॉ अरुण शर्मा ने किया। कार्यक्रम के सफल संचालन में तकनीकी सहयोग अजय और भूपिंद्र ने दिया।

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