कायाकल्प कार्यक्रम में नूरपुर के पीएचसी लदौड़ी को पहला इनाम
केंद्र सरकार द्वारा देशभर में वर्ष 2015 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरू किए कायाकल्प कार्यक्रम के लिए नूरपुर स्वास्थ्य खंड ने पांच इनाम हासिल किए हैैं। उपमंडल के तहत ग्रामीण क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदौड़ी जिले के 13 स्वास्थ्य खंडों में प्रथम रहा।
नूरपुर, संवाद सहयोगी। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने कई उपलब्धियां हासिल की हैैं। कोरोना काल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के अलावा स्वास्थ्य विभाग ने अन्य क्षेत्रों में भी कई उपलब्धियां अर्जित की हैं। केंद्र सरकार द्वारा देशभर में वर्ष 2015 में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शुरू किए कायाकल्प कार्यक्रम के लिए नूरपुर स्वास्थ्य खंड ने पांच इनाम हासिल किए हैैं।
उपमंडल के तहत ग्रामीण क्षेत्र में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लदौड़ी जिले के 13 स्वास्थ्य खंडों में प्रथम रहा। पीएचसी बरंडा तथा सदवां के कार्यों को भी बेहतर आंका गया है। हेल्थ वेलनेस सेंटर एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र काथल तथा थोड़ा भलून को भी इनाम के लिए चुना गया है। इस योजना के तहत पीएचसी लदौड़ी को दो लाख रुपये मिलेंगे। हेल्थ वेलनेस सेंटर एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र काथल को बेहतर रहने पर एक लाख रुपये तथा थोड़ा भलूण को पचास हजार का इनाम मिलेगा। पीएचसी बरंडा तथा सदवां को भी पचास-पचास हजार रुपये की राशि देकर सम्मानित किया जाएगा।
क्या है प्रक्रिया
स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा वर्ष में तीन बार दौरा किया जाता है। इस दौरान यह भी आकलन होता है कि कहां पर किस तरह से स्वास्थ्य विभाग द्वारा काम किया जा रहा है, और क्या सेवाएं लोगों को दी जा रही हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए यह इनाम पुरस्कार राशि नूरपुर स्वास्थ्य विकास खंड के तहत आने वाले स्वास्थ्य केंद्रों ने अपने बेहतर कामों को लेकर प्राप्त की है।
ये थे चयन के मानक
कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य संस्थानों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने, अस्पतालों के रखरखाव, स्वच्छता, संक्रमण नियंत्रण,बेहतर प्रबंधन सहित अन्य जरूरी निर्धारित मापदंडों के आधार पर बेहतर कार्य करने के लिए चुने जाने पर पुरस्कृत किया जाता है।
बड़ी उपलब्धि : बीएमओ
बेहतर कार्य करने पर इनाम के लिए स्वास्थ्य खंड के पांच संस्थानों को चुने जाने का श्रेय स्वास्थ्य विभाग की समस्त टीम को जाता है। स्वास्थ्य विभाग की कोरोना महामारी की लड़ाई के दौरान दिन-रात की मेहनत के बाद यह मुकाम हासिल करना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।
-डा. नीरज गुप्ता, बीएमओ नूरपुर।