धर्मशाला में कोरोना नियमों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग सेंटर भी खोलने को दी जाए अनुमति

कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के बाद अब हिमाचल धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो गया है। इतना ही नहीं आर्थिक गतिविधियों को चलाने के लिए पर्यटकों को भी बिना कोविड टेस्ट के आने की अनुमति प्रदान कर दी गई है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 01:18 PM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 01:18 PM (IST)
धर्मशाला में कोरोना नियमों के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं के कोचिंग सेंटर भी खोलने को दी जाए अनुमति
कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के बाद अब हिमाचल धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो गया है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी की दूसरी लहर का प्रकोप थमने के बाद अब हिमाचल धीरे-धीरे अनलॉक होना शुरू हो गया है। इतना ही नहीं आर्थिक गतिविधियों को चलाने के लिए पर्यटकों को भी बिना कोविड टेस्ट के आने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। वहीं अब हिमाचल प्रदेश के एजुकेशन अब धर्मशाला के प्राइवेट कोचिगं सेंटरों ने कोविड प्रोटोकॉल के साथ अकादमियां को खोलने की अनुमति मांगी है। इसके लिए उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से प्रदेश सरकार को भी ज्ञापन सौंपा है। जिसमें कोचिंग सेंटरों ने कहा है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों से हज़ारों छात्रों को वंचित रहना पड़ रहा है।

अब अनलॉक हो रही स्थितियों के बीच प्रतियोगी परीक्षाओं के संचालन की तिथियां घोषित की जा रही है। ऐसे में बच्चों को अपने भविष्य को लेकर बड़ी चिंता सता रही है। ऑनलाईन सिस्टम में भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों की उस स्तर पर बात नहीं बन पा रही है। जिसके कारण छात्रों के साथ अभिभावक और अध्यापक भी परेशान होने लगे हैं। राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारियां सही प्रकार से न होने से युवाओं को रोज़गार की भी चिंता सताने लगी है। वहीं निजी कोचिंग सेंटरों पर भी लगातार आर्थिक बोझ पड़ रहा है। भारी भरकम किराया, स्टाफ व इंफास्ट्रक्चर को लेकर भी चिंता सताने लगी है। ऐसे में निजी संस्थानों को गुजारा करना भी मुश्किल होने लगा है। इसी बात को लेकर उपायुक्त कांगड़ा के माध्यम से प्रशिक्षण संस्थानों ने सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया है।

उपायुक्त कार्यालय कांगड़ा में एडीसी राहुल कुमार के समक्ष एससीए एकादमी से मुनीष भारद्वाज, हेलियोस से सुलभ शर्मा, जेनिसिस के छवि कश्यप व विकास सभ्रवाल ने प्रशिक्षण संस्थानों ने एक प्राथना पत्र सौंपा। इस प्राथना पत्र के माध्यम से सरकार को बताया गया कि विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों को कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वज़ह से भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। वहीं संस्थानों को चलाना भी अब एक समस्या बन गया है। प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से प्राथर्ना की है कि प्रशिक्षण संस्थानों को विद्यालयों की श्रेणी में न रख के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां करने का मौका प्रदान किया जाए।

छात्रों को अपने भविष्य की चिंता सता रही है, और कई स्थानों पर इंटरनेट की कनेक्टिविटी न होने से छात्र लगातार पिछड़ते जा रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल का यह भी कहना है कि हिमाचल की बहुत सी जगहों पर इंटरनेट सिग्नल की भी दिक्कत है जिसके चलते विद्यार्थी ऑनलाइन स्टडी ठीक से नहीं कर पा रहे है जिससे रिजल्ट्स भी प्रभापित हुए है, इसलिए ऑफलाइन प्रशिक्षण ही ज्यादा बेहतर है। अत: कोविड-19 के प्रोटोकॉल के साथ संस्थानों को खोलने की अनुमति दी जाए। जिससे आगामी समय में होने वाली सभी राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय परीक्षाओं में छात्र बेहतरीन परीक्षाएं पास कर रोज़गार प्राप्त कर सकें।

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