EarthQuake in Shimla शिमला में भूकंप के झटके, लोग सहमे
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार शाम 7 बजकर 47 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 आंकी गई। वीरवार को भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों ने एक-दूसरे को फोन पर सूचना देनी शुरू कर दी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में वीरवार शाम 7 बजकर 47 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.6 आंकी गई। वीरवार को भूकंप के झटके महसूस होते ही लोगों ने एक-दूसरे को फोन पर सूचना देनी शुरू कर दी। कई लोग घरों से बाहर निकल आए। अब तक कहीं से भी किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार भूकंप का केंद्र शिमला था और यह जमीन के 10 किलोमीटर भीतर तक रहा। शिमला भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्रों की सूची में आता है और सिसमिक जोन चार और पांच में आता है। ऐसे में भूकंप की तीव्रता अधिक होने पर नुकसान की ज्यादा आशंका है।
हिमाचल प्रदेश को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील जोन में गिना जाता है। पिछले लंबे समय से प्रदेश में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए जा रहे हैं। इससे हालांकि कहीं नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन लोगों में दहशत जरूर फैली। इससे पहले 14 फरवरी को मंडी में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 आंकी गई थी। इसी साल 10 मार्च को धर्मशाला में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। कुछ माह पहले चंबा जिले मेें भी कई बार धरती कांपी थी। पिछले साल शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में लगातार तीन दिन तक भूकंप के कई झटके महसूस किए जाते रहे।
हिमाचल प्रदेश में बरसात में तो भूकंप से और अधिक डर रहता है। बरसात में कई जगह भूस्खलन भी हो रहा है। इस कारण भूकंप से लोगों में अधिक दहशत होती है। कुछ वर्ष से प्रदेश में अंधाधुंध निर्माण हुआ है। पहाड़ों पर भी बड़े बड़े भवन खड़े हो गए हैं। भूस्खलन के कारण कई भवन ध्वस्त भी हुए हैं। गौरतलब है कि 1905 में आए भूकंप में कांगड़ा जिले में जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। इसके बाद भी भूकंप के झटके आते रहे हैं।