कुल्लू के लोगों को नहीं भूलेंगे यह पल, बोले-आंख खुली तो मलबा व पत्थर नजर आए
घर में बैठा था कि कुछ दूर से आवाज सुनाई देने लगी। लगा कि बादल बरसने वाले हैं। कुछ समय के बाद जब घर पर पत्थर गिरना शुरू हुए तो घर से बाहर निकल आए। मलबे में समाता हुआ देखकर भी कुछ नहीं कर सके।
कुल्लू, दविंद्र ठाकुर। घर में बैठा था कि कुछ दूर से आवाज सुनाई देने लगी। लगा कि बादल बरसने वाले हैं। कुछ समय के बाद जब घर पर पत्थर गिरना शुरू हुए तो घर से बाहर निकल आए। बच्चों की तरह संरक्षित कर रखे सेब के पौधों को आंखों के सामने मलबे में समाता हुआ देखकर भी कुछ नहीं कर सके। सुबह तीन बजे के बाद किसी तरह जान बचाकर पड़ोसी श्याम के घर शरण ली। कुदरत के बरपे कहर को खादवी गांव के झली राम ने बिल्कुल नजदीक से देखा।
वह बताते हैं कि वह पत्नी, दो पोतों के साथ सोए हुए थे। बेटा और बहु दूसरे घर में सोए थे। भगवान का शुक्र है कि किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। सुबह करीब तीन अचानक जोर से पत्थर आने की आवाजें सुनाई दी। इसके बाद हम लोग जाग गए और देखा कि घर के पीछे पत्थर और मलबा आ पहुंचा है। इसके बाद पूरे परिवार सहित ग्रामीण श्याम के घर में शरण ली। हमने सुबह तीन बजे के झपकी तक नहीं ली। सुबह हुई तो देखा कि घर का बाथरूम और उसके ऊपर लगाया सोलर सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गया और घर के चारों और मलबा और पत्थर थे।
झली राम बताते हैं कि खेतों की ओर नजर दौड़ाई तो करीब 80 सेब के पेड़ क्षतिग्रस्त हो गए थे। झली राम के बेटे चंद्र पाल ने बताया कि अगर यह भूस्खलन रात को होता तो शायद आज हम लोग ङ्क्षजदा न बचते। उनके माता पिता व बच्चे उस मकान में साए थे, जहां पर अधिक भूस्खलन हुआ है। खादवी गांव में भूस्खलन होने से तीन घर, दो गाडियां, घरों में लगाया सोलर हुए क्षतिग्रस्त हुए हैं।
भूस्खलन से इन लोगों को हुआ नुकसान
खादवी गांव के श्याम दास पुत्र जय , योगराज पुत्र दत्तु राम, भाग चंद पुत्र हीरा, सालिग राम पुत्र तुले राम, भूमि चंद पुत्र सरणु, कौंर ङ्क्षसह पुत्र लाल दास, प्रकाश चंद पुत्र डेखलु राम, अमर चंद पुत्र तूले राम, राना राम पुत्र राम सरण, ईश्वर दास पुत्र नूप राम, चंदपाल पुत्र झली राम, श्याम लाल पुत्र कांशी राम, राजेराम पुत्र दिले राम, प्रताप ङ्क्षसह पुत्र जूरी राम, मोहर ङ्क्षसह पुत्र कर्मी राम, भेलू राम पुत्र शुक्रु राम, ज्वाला दास पुत्र नंदु राम, अशोक कुमार पुत्र ज्वाहर लाल।