डरोह में लोगों ने मछिंद्रनाथ समाधि स्थल को संवारा, अब लग रही रौनक

मछिंद्रनाथ की जीवित प्राचीन समाधि स्थल को संवारा गया है। जहां पहले समाधि स्थल को झाड़ियों ने ढक दिया था अौर गंदगी फैली थी अब यहां पर लोगों की रौनक है। अब यहां पर लोगों की अावाजाही हो रही है। मछिंद्रनाथ का इतिहास में वर्णन मिलता है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 19 Feb 2021 11:03 AM (IST) Updated:Fri, 19 Feb 2021 01:12 PM (IST)
डरोह में लोगों ने मछिंद्रनाथ समाधि स्थल को संवारा, अब लग रही रौनक
मछिंद्रनाथ की जीवित प्राचीन समाधि स्थल को संवारा गया है।

डरोह, रीता शर्मा। मछिंद्रनाथ की जीवित प्राचीन समाधि स्थल को संवारा गया है। जहां पहले समाधि स्थल को झाड़ियों ने ढक दिया था अौर गंदगी फैली थी अब यहां पर लोगों की रौनक है। अब यहां पर लोगों की अावाजाही हो रही है। मछिंद्रनाथ का इतिहास में वर्णन मिलता है।

758वर्ष पूर्व ली गई समाधि का जीर्णोद्धार सुलह स्थित भेडू महादेव की पंचायत डरोह के कस्बा गांव में प्राचीन शिव मंदिर से चालीस फीट दूरी पर स्थित मछिंद्रनाथ नाथ की की समाधि स्थित है। इस समाधि पर अंकित पटि्टका पर मछिंद्रनाथ ने 25 दिसंबर 1263 इसवी मंगलवार सायं 4:00 बजे जीवित अवस्था में समाधि ली। यह समाधि समय के साथ झाड़ियों से ढक गई। जिसकी वजह से यह समाधि नहीं दिखती थी और इसके चारों ओर गंदगी ही गंदगी फैली हुई थी।

अब कुछ समय पहले इस संप्रदाय के लोगों संजीव कुमार को जो नजदीकी पंचायत वसकेहड के निवासी हैं उन्हें स्वपन में आदेश हुआ कि मेरी समाधि के निकट गंदगी को साफ कर इसका जीर्णोद्धार करो। इसके बाद इस संप्रदाय के सभी लोगों ने यहां आकर समाधि की चारों तरफ सफाई की और इसका जीर्णोद्धार किया। अब इस समाधि पर गांव के लोग आने जाने लगे हैं और इस जगह की रौनक बढ़ गई है। ध्यान देने वाली बात यह है की मछिंद्रनाथ श्री गोरखनाथ के गुरु हैं। जिनका संबंध वैष्णों देवी व बाबा बालक नाथ के साथ रहा है।

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