धर्मशाला में रामलीला के मंचों की तरफ बढ़ने लगा लोगों का क्रेज

रामलीला के मंचों की तरफ लोगों का क्रेज बढ़ने लगा है। आधुनिकता के दौर में जबसे इंटरनेट मीडिया का प्रचलन बढ़ा है रामलीला के मंचों की तरफ लोगों का रुझान कम हो गया और वहीं रंग मंच के कलाकारों की संख्या में भी कमी आई।

By Richa RanaEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 03:07 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 03:07 PM (IST)
धर्मशाला में रामलीला के मंचों की तरफ बढ़ने लगा लोगों का क्रेज
रामलीला के मंचों की तरफ लोगों का क्रेज बढ़ने लगा है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। रामलीला के मंचों की तरफ लोगों का क्रेज बढ़ने लगा है। आधुनिकता के दौर में जबसे इंटरनेट मीडिया का प्रचलन बढ़ा है रामलीला के मंचों की तरफ लोगों का रुझान कम हो गया और वहीं रंग मंच के कलाकारों की संख्या में भी कमी आई। किसी दौर में युवा रंग मंच के लिए तरश्ते रहते थे कि उन्हें भी अपना प्रतिभा दिखाने का मौका मिले तो वहीं लोगों में भी क्रेज रहता था कि दिन भर अपने काम से थकहार कर भगवान श्रीराम के जीवन को अपनी आंखों के सामने रामलीला के माध्यम से मंचन देखेंगे। लेकिन पहले ब्लैक एंड व्हाइट टीवी और उसके बाद रंगीन टीबी के आने से रामलीला से दर्शकों की दूरी हो गई।

रही कसर केबल में प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों व एक साथ कई चैनल उपलब्ध होने से हो गई। ऐसे में रही सही कसर मोबाइल पर ही इंटरनेट के माध्यम से हर वीडियो व देखने की इच्छित वीडियो उपलब्ध रहने से मंचन न के बराबर हो गया। सिर्फ आयोजक व उनके जानने वालों तक ही सीमित हो गया। लेकिन अब जब कोविड-19 महामारी का दौर चला तो लोगों को ज्यादा समय अपने घरों में ही बैठकर बिताना पड़ा।

ऐसे में लोगों के लिए मनोरंजन का एक मात्र साधन उनके हाथ में मोबाइल व इंटरनेट ही रह गया था। न तो एक दूसरे से मिल पा रहे थे और न ही एक दूसरे के घर जा पा रहे थे, इसके अलावा कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लोगों की भीड़ एकत्रित होने व मेले व त्योहारों के आयोजन न के बराबर व सूक्ष्‍म हो गए थे, ऐसे में अब जब रामलीला के मंचन व दशहरा आयोजन की कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत मंजूरी मिली है तो लोगों ने भी घरों से निकलकर रामलीला के मंचों तक पहुंचना शुरू किया है।  ऐसे में फिर से रामलीला के मंचों की तरफ दर्शन बढ़े हैं। वहीं ऐसे युवा जो अपनी प्रतिभा दिखा सकते हैं वह युवा भी राम लीला के मंचन के लिए आगे आए हैं। इस बार रामलीला के मंचों के लिए दर्शक व मंचन के लिए कलाकार मिल रहे हैं। जिला कांगड़ा में धर्मशाला, दाड़ी, पालमपुर, कांगड़ा, नूरपुर, इंदौरा, देहरा विभिन्न स्थानों पर स्थानीय स्तर पर रामलीलाओं का मंचन हो रहा है।

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