लंबागांव में व्यास नदी में फेंके जा रहे मृत पशु, ग्रामीण फैला रहे गंदगी

केंद्र व प्रदेश सरकारों की ओर से स्वच्छता को लेकर कई योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। स्वच्छता अभियान का सार्थक बनाने के लिए गांव स्तर पर कई योजनाएं चल रहीं हैं। कई समाजसेवी संस्थाएं भी स्वच्छता को लेकर आगे आ रहीं हैं।

By Richa RanaEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 01:08 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 01:08 PM (IST)
लंबागांव में व्यास नदी में फेंके जा रहे मृत पशु, ग्रामीण फैला रहे गंदगी
व्यास नदी में कुछ लोग मरे हुए पशुओं को मिट्टी में दफन करने की बजाय पानी में बहाते हैं।

भवारना, संवाद सहयोगी। केंद्र व प्रदेश सरकारों की ओर से स्वच्छता को लेकर कई योजनाएं बनाई जा रहीं हैं। स्वच्छता अभियान का सार्थक बनाने के लिए गांव स्तर पर कई योजनाएं चल रहीं हैं। कई समाजसेवी संस्थाएं भी स्वच्छता को लेकर आगे आ रहीं हैं। आए दिन स्वच्छता अभियान की बातें सुनने की आती हैं। इसके विपरीत कई क्षेत्रों के लोग केंद्र व जिला प्रशासन के स्वच्छता अभियान को पलीता लगाते हुए देखते सुनते हुए भी गंदगी बच रही हैं। अब घर की गंदगी नदी नालों में डालकर समझ रहे हैं कि उनका गांव साफ हो गया, लेकिन ऐसा नहीं है।

पानी को स्वच्छ रखने के लिए सरकार तरह तरह की योजनाएं बना रही है, वहीं दूसरी ओर कुछ समाज विरोधी लोग पानी को गंदा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं । ऐसा ही उदाहरण जिला कांगड़ा के लंबागांव में देखने को मिला। लंबागांव व आसपास क्षेत्र के मशहूर तीर्थ स्थल कुंजद्वार के नजदीक व्यास नदी में कुछ लोग मरे हुए पशुओं को मिट्टी में दफन करने की बजाय पानी में बहाते हैं। या नदी किनारे छोड़ देते हैं। जिससे कि व्यास नदी का पानी दूषित हो रहा है, गौर हो कि इसी नदी पर थोड़ी दूरी से कई पीने कर पानी की योजनाएं है। जिस कारण पानी के दूषित होने से कई बीमारियां फैलने की आशंका पैदा हो गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां पर अक्सर मरे हुए जानवरों को कुछ लोग गाड़ी में लेकर आते हैं, और ऐसे ही खुले में छोड़ जाते हैं । जिससे कि इस पवित्र स्थान पर हमेशा बदबू का आलम बना रहता है। ऐसा घिनौना कार्य करने वाले लोग मरे हुए पशुओं के मालिक से पशु को दफनाने का 4 से पांच हजार लेते हैं। जबकि दफनाने की बजाए उसे या तो पानी में पाया जाता है या खुले में ही नदी किनारे छोड़ दिया जाता है। जबकि दिव्य हिमाचल ने शुक्रवार को अपने कैमरे में ऐसा घिनौना कार्य करने वालों को कैद कर लिया। अब प्रशासन इनके ऊपर क्या कार्यवाही करता है यह उन पर निर्भर करता।

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