पेंशन बहाली संयुक्‍त मोर्चा अध्‍यक्ष बोले, 1972 एक्‍ट को भी नहीं मान रहे जनप्रतिनिधि, पढ़ें पूरा मामला

Pension Bahali Morcha पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि अगर 1972 एक्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में रिटायर कर्मी के लिए पेंशन का प्रावधान नही था तो 2004 से पहले रिटायर कर्मियों को किस प्रावधान के तहत पेंशन मिल रही है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 28 Jan 2021 11:00 AM (IST) Updated:Thu, 28 Jan 2021 11:00 AM (IST)
पेंशन बहाली संयुक्‍त मोर्चा अध्‍यक्ष बोले, 1972 एक्‍ट को भी नहीं मान रहे जनप्रतिनिधि, पढ़ें पूरा मामला
पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला है।

पालमपुर, जेएनएन। मध्य प्रदेश सरकार ने कहा कि 1972 एक्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में रिटायर कर्मी के लिए पेंशन का प्रावधान नहीं था। इस बयान से एक विरोधाभास वाली बात खड़ी हो चुकी है। पेंशन बहाली सयुंक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण शर्मा ने कहा कि अगर 1972 एक्ट के अनुसार मध्यप्रदेश में रिटायर कर्मी के लिए पेंशन का प्रावधान नही था तो 2004 से पहले रिटायर कर्मियों को किस प्रावधान के तहत पेंशन मिल रही है।

सबसे बड़ी बात इस प्रदेश के चुनावों में हारे नेता किस एक्ट के तहत लाखों की पेंशन ले रहे हैं। प्रवीण शर्मा ने पूछा एनपीएस के तहत कट रहा फंड किसी धारा के तहत काटा जा रहा है।

उन्‍होंने कहा कि 1972 एक्ट में साफ लिखा है कि जो भी व्यक्ति सरकार को वर्षों अपनी सेवाएं देगा, उसे बुढ़ापे में उसी की सैलरी का एक भाग पेंशन के रूप में मिलेगा। लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि अब 1972 एक्ट को भी नहीं मान रहे हैं। सयुंक्त मोर्चा ने कहा कि हम पेंशन की बात नहीं करते हैं बल्कि समानता के अधिकार की बात करते हैं। अगर पेंशन का हक 1972 एक्ट में लिखित नहीं है तो फिर पेंशन का अधिकार सबके लिए खत्म होना चाहिए, चाहे फिर वे जनप्रतिनिधि ही क्यों न हों।

chat bot
आपका साथी