पराशर दंपती ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में बांटे सेनेटरी नैपकिन

सामाजिक सरोकारों के निर्वहन की तरफ एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब कैप्टन संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन वितरित करने का अभियान भी शुरू कर दिया है। एक लाख नैपिकन वितरित करने का लक्ष्य रखा है जिसकी शुरूआत स्वाणा से की गई।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 11 Jul 2021 05:25 PM (IST) Updated:Sun, 11 Jul 2021 05:25 PM (IST)
पराशर दंपती ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में बांटे सेनेटरी नैपकिन
महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन वितरित करती हुई बुजुर्ग महिला शीला देवी (बाएं से चौथी)। जागरण

डाडासीबा, संवाद सूत्र : सामाजिक सरोकारों के निर्वहन की तरफ एक कदम और आगे बढ़ाते हुए अब कैप्टन संजय पराशर ने जसवां-परागपुर क्षेत्र में महिलाओं को मुफ्त सेनेटरी नैपकिन वितरित करने का अभियान भी शुरू कर दिया है। क्षेत्र के विभिन्न गांवों में एक लाख नैपिकन वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसकी शुरूआत स्वाणा पंचायत से की गई। महिलाओं का नाम पंजीकृत होने के बाद हर महीने नैपकिन उपलब्ध करवाए जाएंगे।

परागपुर में जन औषधि केंद्र के लोकार्पण अवसर पर संजय की पत्नी सोनिका पराशर ने घोषणा की थी कि उनकी तरफ से गांवों में सेनेटरी नैपकिन महिलाओं को बिना किसी खर्च के उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसी कड़ी में यह अभियान पराशर ने शुरू किया है। स्वाणा के अलावा धीमान ग्राम सुधार सभा मूंही में भी पहले चरण में स्वाणा पंचायत के तीन वार्ड में रविवार को पराशर की टीम ने कार्यक्रम में 200 महिलाओं को नैपकिन बांटे। स्वाणा में वयोवृद्ध महिला शीला देवी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की और इस मुहिम की प्रशंसा की। सामाजिक कार्यकर्ता संघ मित्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी कई महिलाएं आर्थिक व अन्य कारणों से सेनेटरी नैपकिन का उपयोग नहीं करती हैं। ऐसे में माहवारी के समय में अगर स्वच्छता का ठीक से ध्यान न दिया जाए तो गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। महिलाओं को निज स्वच्छता के प्रति जागरूक होना होगा और सेनेटरी नैपकिन का प्रयोग करना चाहिए।

कार्यक्रम में उपस्थित मीनू कुमारी, प्रिया शर्मा, श्वेता, कृष्णा देवी, शिवानी शर्मा, पल्लवी देवी, पूनम, भावना, रूचिका ठाकुर, रेणुका, मोनिका और रीना शर्मा ने सोनिका पराशर का आभार जताया। पराशर दंपती ने कहा कि स्थानीय स्कूल व कालेजों में भी सेनेटरी नैपकिन का वितरण किया जाएगा। निजी या सरकारी शिक्षण संस्थानों में जरूरत के हिसाब से सेनेटरी नैपकिन की मशीनें भी लगाईं।

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