देहरा के मूहल में कथा के शुभारंभ पर पंडित सुमित ने दिया समाज को यह संदेश
कांगड़ा जिले की तहसील देहरा के अंतर्गत पड़ने वाले गांव मूहल के प्राचीन लक्ष्मी नारायण मन्दिर में कलश यात्रा के साथ कथा का शुभारंभ हुआ । धरोहर गांव प्रागपुर के पंडित सुमित शास्त्री ने कहा कि कई जन्मों के पुण्य कर्मों के फलस्वरूप ही सत्संग की प्राप्ति होती है ।
देहरा, संवाद सूत्र। कांगड़ा जिले की तहसील देहरा के अंतर्गत पड़ने वाले गांव मूहल के प्राचीन लक्ष्मी नारायण मन्दिर में कलश यात्रा के साथ श्री मद भागवत कथा का शुभारंभ हुआ । धरोहर गांव प्रागपुर के पंडित सुमित शास्त्री ने भागवत कथा महात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि कई जन्मों के पुण्य कर्मों के फलस्वरूप ही सत्संग की प्राप्ति होती है । भागवत कथा के समान मृत्युलोक में पापपुंज का नाश करने वाला कोई दूसरा पवित्र साधन नहीं है,इसका श्रवण मन को शांति व जीवन में क्रांति पैदा करता है । मृत्यु को मंगलमय बनाने के लिए हमें भागवत की शरण लेनी चाहिए । शास्त्री ने आगे वर्णन करते हुए बताया कि पांच प्रकार के महापापी मदिरापान, ब्रह्महत्या, सुवर्ण की चोरी गुरु स्त्री गमन व विश्वासघात करने वाले भागवत कथा के श्रवण से पवित्र हों जाते हैं । कलश यात्रा के अवसर पर कमेटी प्रधान अजीत कुमार , संदीप शर्मा, ओम प्रकाश , केशव सिंह राणा, शमी ठाकुर, दर्शना देवी, उर्मिला, कांता, सुनीता, सलोचना व यशोदा ने भाग लिया । उन्होंने कहा कि मानव रूपी चोला एक बार ही जीवन में मिलता है, इसलिए हमेशा परोपकार करना चाहिए। किसी भी काम के लिए जब तक मन एक्राग नहीं होगा तब तक लक्ष्य हासिल नहीं किया जा सकता है। उसी तरह भगवान की प्राप्ति के लिए मन का एकाग्र होना जरूरी है।