पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर प्रधान नहीं कर सकेंगे जुर्माना

पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर अब पंचायत प्रधान जुर्माना नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी पंचायत में कोई कार्रवाई व जुर्माना न होने पर यह शक्तियां छीन ली हैं। सरकार अब पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जुर्माना करने की शक्ति प्रदान कर रही है।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:57 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:57 PM (IST)
पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर प्रधान नहीं कर सकेंगे जुर्माना
पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर प्रधान नहीं कर सकेंगे जुर्माना। जागरण आर्काइव

शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। हिमाचल प्रदेश में पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर अब पंचायत प्रधान जुर्माना नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी भी पंचायत में कोई कार्रवाई व जुर्माना न होने पर यह शक्तियां छीन ली हैं। सरकार अब पशुपालन विभाग के अधिकारियों को जुर्माना करने की शक्ति प्रदान कर रही है। जो 500 से 5000 रुपये तक जुर्माना कर सकेंगे। इसके लिए प्रदेश में पालतू पशुओं गाय, बैल, भैंस, बछड़े आदि की टैङ्क्षगग व पंजीकरण किया जा रहा है। अभी तक 80 फीसद टैङ्क्षगग हो चुकी है। एक माह में शेष कार्य भी होने का दावा है।

पशुओं को बेसहारा छोडऩे का कारण

पशुओं को बेसहारा छोडऩे का सबसे बड़ा कारण गायों का दूध न देना और खेती में ट्रैक्टर व पावर टिल्लर का प्रयोग होना है। इससे बछड़ों व बैलों को बेसहारा छोड़ा जा रहा है। अन्य राज्यों से भी पशुओं को बेसहारा छोडऩे के मामले आ रहे हैं। ये बेसहारा पशु सड़क हादसों का कारण भी बन रहे हैं। लोगों पर हमला भी कर रहे हैं, जिससे लोगों को ङ्क्षजदगी से हाथ तक धोना पड़ा।

प्रदेश में बेसहारा पशुओं से निजात के लिए गौ अभयारण्य बनाए जा रहे हैं। पशुओं को बेसहारा छोडऩे पर पंचायत प्रधानों ने कोई जुर्माना नहीं किया। अब यह शक्ति पशुपालन विभाग के अधिकारियों को सौंपी जा रही है। टैङ्क्षगग के बाद यदि किसी जानवर की मौत होती है तो उसका पोस्टमार्टम कर उसका नाम हटा दिया जाएगा। नवजात को पंजीकृत कर टैङ्क्षगग की जाएगी।

-वीरेंद्र कंवर, पशुपालन व ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री

कृषि मंत्री को बताई समस्याएं

भारतीय मजदूर संघ के कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर आउटसोर्स कर्मचारी रविवार को कृषि मंत्री वीरेंद्र कंवर से उनके निवास स्थान थानाकलां (ऊना) में मिले और समस्याओं के बारे में अवगत कराया। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं को कृषि विवि पालमपुर लागू नहीं करता है। किसी भी तरह का अवकाश हो बढ़े हुए वेतन का ईपीएफ हो, चिकित्सा सुविधा हो कोरोना काल में वेतन कटौती और नौणी विवि की तर्ज पर छुट्टियां हों और जब तक आउटसोर्स के लिए कोई नीति नहीं बनती है तब तक मिनिमम बेज लागू किए जाएं। प्रतिनिधिमंडल में अध्यक्ष मुकेश कुमार, सचिव राङ्क्षजदर कुमार, नवल, सुदेश कुमार, विवेक कुमार, विनोद धीमान, राजेश, सुनील, अरुण, रणजीत, गोपाल, सुनील कुमार मौजूद रहे।

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