पालमपुर को मिला नगर निगम का ताज, 14 पंचायतों को किया जाएगा शामिल, जान‍िए प्रतिक्रियाएं

Palampur Nagar Nigam करीब सात दशक बाद आखिरकार पालमपुर को नगर निगम का दर्जा मिल ही गया। लंबे समय से नगर परिषद से आगे बढऩे की राह देख रहे पालमपुर में 2003 के बाद से लगातार जिला व नगर निगम का दर्जा देने की मांग बुलंद थी।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 08:41 AM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 08:41 AM (IST)
पालमपुर को मिला नगर निगम का ताज, 14 पंचायतों को किया जाएगा शामिल, जान‍िए प्रतिक्रियाएं
करीब सात दशक बाद आखिरकार पालमपुर को नगर निगम का दर्जा मिल ही गया।

पालमपुर, मुनीष दीक्षित। करीब सात दशक बाद आखिरकार पालमपुर को नगर निगम का दर्जा मिल ही गया। लंबे समय से नगर परिषद से आगे बढऩे की राह देख रहे पालमपुर में 2003 के बाद से लगातार जिला व नगर निगम का दर्जा देने की मांग बुलंद थी। कुछ महीनों से नगर निगम की मांग लगातार सुॢखयां बन रही थी। यहां तक की इस मांग के समर्थन में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार भी आगे आए थे। इसके बाद सरकार ने पालमपुर को नगर निगम का दर्जा दे दिया है। पालमपुर नगर निगम में नगर परिषद क्षेत्र समेत आसपास की 14 पंचायतें शामिल होंगी। भाजपा इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रही है। साथ ही कांग्रेस अब भी ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम से हटाने की मांग पर कायम है। कांग्रेस का साफ कहना है कि फैसले का विरोध नहीं है मगर ग्रामीण क्षेत्र शामिल नहीं होने चाहिए थे।

कौन पंचायतें होंगी शामिल

नगर निगम की घोषणा के साथ ही पालमपुर नगर निगम में आईमा, बंदला, लोहना, घुग्घर, चौकी, खलेट, बिंद्रावन, बनघियार, राजपुर, टांडा, भरमात, बनूरी खास, कलियाड़कर व मुहाल बनूरी पंचायतें भी जुड़ जाएंगी। इसमें 12 पचायतें पूरी तरह से शामिल होंगी जबकि दो बंदला व लोहना का कुछ इलाका इसमें शामिल होगा। इन पंचायतों के जुडऩे के बाद यहां  नगर निगम के लिए तय की गई जनसंख्या 40 हजार का आंकड़ा पार कर लेगी।

15.63 वर्ग किलोमीटर होगा क्षेत्र

मौजूदा समय में नगर परिषद पालमपुर केवल 0.67 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली हुई है। इसमें अब पंचायतों का 14.96 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जुड़ जाएगा तथा इसका कुल क्षेत्र 15.63 वर्ग किलोमीटर हो जाएगा। यहां की मौजूदा जनसंख्या 3544 है, जबकि शामिल हो रहे क्षेत्र की 40765 है। ऐसे में अब यहां की कुल आबादी 44309 हो जाएगी। यहां के कुल घरों का आंकड़ा भी 9300 से ऊपर पहुंच जाएगा। अभी नगर परिषद में एक हजार के करीब घर हैं।

क्या कहते हैं संघर्ष से जुड़े लोग

वरिष्ठ पत्रकार रविंद्र सूद का कहना है पालमपुर नगर निगम समय की जरूरत थी और इसे सरकार ने पूरा किया है। यह बड़ी उपलब्धि है। इससे क्षेत्र का विकास होगा और लोगों को सुविधाएं मिलेंगी। वरिष्ठ अधिवक्ता जगमेल कटोच ने कहा सरकार इसके लिए बधाई की पात्र है। यह बड़ी उपलब्धि है। हम लगातार वर्ष 2003 से इस मांग को लेकर आगे बढ़ रहे थे। अब सरकार ने इसे पूरा किया है। इसके लिए सरकार बधाई की पात्र है।

जनप्रतिनिधियों के बोल

राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी का कहना है नगर निगम के लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद। पालमपुर की जनता की सरकार ने आवाज सुनी है। नगर निगम बनने के बाद अब पालमपुर विकास की  गाथा लिखेगा। भविष्य में इसका लाभ होगा। इसके लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज का बहुत आभार है। लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। इससे कोई नुकसान नहीं होगा, बल्कि लाभ होगा और आने वाले समय में पालमपुर स्मार्ट सिटी की ओर बढ़ेगा। पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा ने कहा नगर निगम समय की जरूरत है। यदि 2012 में जनगणना न हो रही होती तो नगर निगम उसी समय बन जाना था। अब मोदी सरकार ने इसको लेकर अच्छा निर्णय लिया है कि जनगणना के दौरान नगर निकाय व पंचायतों के विस्तार में पूरी छूट मिलेगी। प्रदेश सरकार व भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के प्रयासों से ही पालमपुर को बड़ा तोहफा मिला है। पूर्व मंत्री रविंद्र रवि ने कहा सरकार ने दो दशक से चली आ रही मांग को पूरा कर पालमपुर के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद तथा यहां के लोगों को बधाई। इससे पालमपुर में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।

ग्रामीण क्षेत्र होने चाहिएं बाहर : बुटेल

पालमपुर के विधायक आशीष बुटेल का कहना है कि अधिसूचना देखने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन से क्षेत्र नगर निगम में शामिल किए गए हैं। यहां के काफी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने नगर निगम में शामिल होने पर विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि वह नगर निगम के विरोध में नहीं हैं। इसमें शहरी क्षेत्र को शामिल किया जाना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करना उचित नहीं है। यहां काफी ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल करने का प्रारूप बनाया गया है। ऐसे में सरकार से यही मांग रहेगी कि ग्रामीण क्षेत्रों को नगर निगम से दूर रखा जाए।

क्या कहते हैं पंचायत प्रतिनिधि बनघियार, मारंडा पंचायत के प्रधान त्रिलोक राणा का कहना है सरकार ने जो किया वह स्वीकार है। यह समय की मांग भी थी। कुछ लोगों को बुरा लग सकता है, लेकिन यह इतना बुरा फैसला भी नहीं है। दुनिया के स्तर के हिसाब से हमें भी सोच बदलनी होगी। इससे शहरी क्षेत्रों को काफी लाभ मिलेगा। पूर्व प्रधान, आईमा पंचायत संजीव राणा ने कहा पालमपुर की काफी समस्याओं का नगर निगम बनने से समाधान होगा। यहां अच्छी सुविधाओं की जरूरत थी। इसके लिए जरूरी था कि पालमपुर नगर निगम बने। आज सरकार ने यह सपना पूरा किया है। पंचायत प्रधान लोहना अंजना सोनी ने कहा सरकार के निर्णय का स्वागत है। देर आए दुरुस्त आए। इससे आने वाले समय में काफी लाभ होगा। मैं एक पंचायत प्रतिनिधि होने के नाते इस फैसले का पूरी तरह से स्वागत करती हूं। पंचायत प्रधान बंदला विजय भट्ट ने कहा मैं फिर कह रहा हूं कि नगर निगम में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल करना गलत निर्णय है। हमने धरातल की स्थिति व मांग को लेकर डीसी व एसडीएम को भी अवगत करवाया था। बंदला पंचायत की ही बड़ी आबादी कृषि व पशुपालन पर निर्भर है। उनके लिए साल के 50 रुपये देना भी मुश्किल होता है। ऐसे में भले ही सरकार तीन साल का टैक्स माफ कर रही हो मगर उसके बाद ग्रामीण कहां से टैक्स भर पाएंगे। यहां पहले सरकार जिला व विकास खंड बनाती तो वह सारी जनता की भलाई में होता। अब नगर निगम बनाना ही है तो ग्रामीण क्षेत्रों को बाहर रखा जाए। नगर परिषद अध्यक्ष राधा सूद ने कहा सरकार का निर्णय स्वागत योग्य है। मैं इस फैसले का स्वागत करती हूं। उम्मीद है कि अब पालमपुर प्रगति की राह पर और आगे बढ़ेगा। इसका नगर निगम में शामिल होने वाले लोगों को भी लाभ मिलेगा। मनोनीत पार्षद सचिन वर्मा ने कहा यह निर्णय बड़ी उपलब्धि है। इससे पूरे इलाके का विकास होगा। इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार व राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी का आभार। अध्यक्ष संयुक्त व्यापार मंडल, पालमपुर संजीव सोनी ने कहा नगर निगम से आने वाले समय में पूरे क्षेत्र का विकास होगा। हम इसका स्वागत करते हैं। सरकार ने बेहतरीन फैसला लिया है। इसकी मांग हम काफी वर्षों से कर रहे थे।

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