उम्मीद...बाबा का घर जल्द बनेगा स्मारक, प्रशासन ने जयंती से पहले करवाई गांव में मकान की पैमाइश
पहाड़ी गांधी के नाम से मशहूर बाबा कांशी राम के घर गुरनबाड़ (डाडासीबा) को स्मारक बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कदमताल शुरू कर दी है।
डाडासीबा, कमलजीत। पहाड़ी गांधी के नाम से मशहूर बाबा कांशी राम के घर गुरनबाड़ (डाडासीबा) को स्मारक बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कदमताल शुरू कर दी है। उनकी जयंती से कुछ दिन पहले प्रशासन जमीन की पैमाइश के लिए पहुंचा। हालांकि अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने के लिए चलाए जनजागरण के दौरान पहाड़ी गांधी बाबा ने जिस बोली को बड़ा हथियार बनाया, उसे अभी तक पूरा सम्मान नहीं मिल पाया है। पहाड़ी भाषा को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू किया राज्यस्तरीय सम्मान शुरू किया था, लेकिन 1999 के बाद से यह किसी को नहीं दिया गया। अब जयराम सरकार की पहल पर उनके घर को स्मारक बनाने के लिए मुहिम शुरू की है।
गुरनबाड़ पंचायत में हुआ था बाबा का जन्म
देश को आजाद करवाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जंग लडऩे वाले बाबा कांशी राम का जन्म 11 जुलाई 1882 को कांगड़ा जिले की पंचायत गुरनबाड़ (पदियाल) में लखनू राम के घर हुआ था। अंग्रेजी हुकूमत की यातनाएं सहते हुए बाबा 15 अक्टूबर 1943 को स्वतंत्रता संग्राम की अमर ज्योति में विलीन हो गए। 23 अप्रैल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ज्वालामुखी में बाबा काशीराम की याद में डाक टिकट का विमोचन किया था। दो साल पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बाबा के घर का जीर्णोद्धार कर स्मारक बनाने की घोषणा की थी। वहीं 2007 में भाषा एवं संस्कृति विभाग ने उनके स्लेटपोश मकान के अधिग्रहण के लिए स्वजनों से बातचीत की थी। उनके नाम पर डाडासीबा में राजकीय महाविद्यालय और वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का नामकरण भी हुआ है।
सरकार की स्मारक बनाने की योजना : एसडीएम
22 जून को टीम सहित गुरनबाड़ में निरीक्षण किया। इसकी रिपोर्ट भाषा एवं संस्कृति विभाग को भेज दी है। अगली कार्रवाई उक्त विभाग करेगा। सरकार की यहां पर बाबा कांशी राम के नाम पर स्मारक बनाने की योजना है। -धनवीर सिंह ठाकुर, एसडीएम, देहरा।
उम्मीद है सीएम घोषणा पूरी करेंगे : विनोद शर्मा
पहाड़ी गांधी बाबा कांशी राम के घर का अधिग्रहण कर स्मारक बनाने की घोषणा 11 जुलाई 2018 को की थी। पिछले माह 22 तारीख को उपमंडल अधिकारी के अधीन एक टीम ने बाबा के घर पर आकर सर्वे किया। आशा है कि जल्द ही मुख्यमंत्री अपनी घोषणा को पूरा करेंगे। जल्द ही पहाड़ी गांधी का घर स्मारक के रूप में विकसित होगा। -विनोद शर्मा, पौत्र, बाबा कांशी राम।
क्या कहते हैं लोग स्वतंत्रता सेनानी कांशी राम को पहाड़ी गांधी नाम पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था। उन्हें बुलबुले पहाड़ सरोजिनी नायडू ने कहा था। भगत ङ्क्षसह, राजगुरु और सुखदेव की फांसी से आहत बाबा ने सारी उम्र काले कपड़े पहनने का प्रण किया। उनकी याद में अनके पैतृक गांव में कुछ न होना दुखद है। -कृष्ण दत्त शर्मा। बाबा कांशी राम ने कसम खाई थी कि जब तक भारत वर्ष आजाद नहीं हो जाता तब तक वे काले कपड़े धारण करेंगे। देश की आजादी के लिए उन्होंने अपना बलिदान तो दिया, लेकिन सरकार की ओर से उन्हें वह सम्मान नहीं मिल पाया है जिसके वह हकदार हैं। -अंकित कुमार। बाबा कांशी राम ने कविताओं, गीतों और भाषणों से देश की आजादी की प्राप्ति के लिए जनजागरण अभियान चलाया था। आजादी का यह परवाना भले ही आज हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनकी यादों को सहेजने के लिए प्रशासन को कुछ कदम तो उठाने ही चाहिए। -गुलशन कुमार। बाबा के सम्मान में 23 अप्रैल 1984 को ज्वालामुखी में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने डाक टिकट का विमोचन किया था। इतनी बड़ी हस्ती की याद में उनके पैतृक गांव में स्मारक भी बनाया जाना चाहिए। -रजत सूद।