व्यवस्था पर विश्वास, नहीं रुकेगी किसी मरीज की सांस

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा प्रभाव डाला था।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 05:57 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 05:57 AM (IST)
व्यवस्था पर विश्वास, नहीं रुकेगी किसी मरीज की सांस
व्यवस्था पर विश्वास, नहीं रुकेगी किसी मरीज की सांस

मुनीष गारिया, धर्मशाला

कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा प्रभाव डाला था। अभी दूसरी लहर का असर खत्म नहीं हुआ है लेकिन संक्रमण दर कम हो गई है। मई तक हर दिन कोरोना संक्रमण के 1500 से 1600 मामले आ रहे थे लेकिन अब 10 से 12 रह गए हैं।

दूसरी लहर में जिले में हुई आक्सीजन की कमी से सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इसकी उपलब्धता बढ़ा दी है। पहले डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में ही आक्सीजन प्लांट था लेकिन अब धर्मशाला व नूरपुर में भी प्रेशर स्विंग एडजर्पशन (पीएसए) प्लांट स्थापित हो गए हैं। जवाली, देहरा व पालमपुर के प्लांट को भी मंजूरी मिल गई है। विभाग की ओर से की गई आक्सीजन की व्यवस्था से स्पष्ट हो गया है कि यदि कोरोना की संभावित तीसरी लहर आती है तो जिले में आक्सीजन की कमी नहीं होगी।

आक्सीजन प्लांट की स्थिति

टांडा में एक आक्सीजन प्लांट है। जोनल अस्पताल धर्मशाला में प्रति मिनट 800 लीटर आक्सीजन तैयार होगी। यहां 500 व 300 लीटर प्रति मिनट (एलपीएम) के दो आक्सीजन प्लांट स्थापित कर दिए हैं। इससे पहले अस्पताल में 300 एलपीएम का प्रेशर स्विंग एडजर्पशन (पीएसए) प्लांट था। सिविल अस्पताल नूरपुर में भी 500 एलपीएम का प्लांट स्थापित कर दिया है। जवाली, देहरा व पालमपुर के लिए प्लांट स्वीकृत हो गया है।

विभाग के पास हैं 2417 आक्सीजन सिलेंडर

दूसरी लहर में जिला कोविड अस्पताल धर्मशाला में 175 बिस्तर की व्यवस्था थी। इनमें से 150 बिस्तर को सेंट्रल लाइन आक्सीजन की व्यवस्था थी। बाकी को सिलेंडर के माध्यम से आक्सीजन दी जा रही थी। उस समय विभाग के पास केवल 700 आक्सीजन सिलेंडर थे लेकिन अब 2317 हो गए हैं। इनमें से 1529 सिलेंडर टाइप डी (47 किलो), 757 टाइप बी (15 किलो) व 131 टाइप ए (14 किलो) के हैं। जिला प्रशासन की अनुमति पर 200 अतिरिक्त सिलेंडर का आर्डर दिया है।

पीएचसी व हेल्थ सब सेटर में पहुंचाए आक्सीजन कंसंट्रेटर

स्वास्थ्य विभाग ने अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ सब सेंटरों में भी आक्सीजन कंसंट्रेटर पहुंचा दिए हैं ताकि एंबुलेंस आने तक मरीज को आक्सीजन उपलब्ध करवाई जा सके। पोर्टेबल आक्सीजन सिलेंडर एवं कंसंट्रेटर 2.7 किलो, 3.4 किलो या 4.9 किलो के होते हैं। यह क्रमश: दो घंटा चार मिनट, तीन घंटा 27 मिनट, पांच घंटा 41 मिनट तक चलते हैं।

सिलेंडर भरवाने के लिए नहीं जाना पड़ेगा मंडी व डमटाल

आक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए अब मंडी व डमटाल नहीं जाना पड़ेगा। पीएसए प्लांट स्थापित होने क केद यहां सिलेंडर भरे जा सकेंगे।

कब पड़ती है आक्सीजन की जरूरत

फेफड़े व सभी अंगों तक जाने वाले रक्त के आक्सीजेनेटेड हिमोग्लोबिन के लेवल को आक्सीजन सेचुरेशन कहते हैं। सामान्य मनुष्य का सेचुरेशन लेवल 98 प्रति मिनट से अधिक होता है। इसकी रीडिग 94 प्रति मिनट से कम होने लगे तक खतरे का संकेत होता है। इसके बाद व्यक्ति को आक्सीजन की जरूरत पड़ती है।

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कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाव के लिए विभाग ने पूरी तैयारी की है। अस्पतालों में कोविड वार्डों की संख्या बढ़ा दी है। दूसरी लहर में जो आक्सीजन की कमी आई थी उससे निपटने के लिए धर्मशाला अस्पताल में एक और पीएसए प्लांट स्थापित कर दिया है, जबकि जवाली, देहरा व पालमपुर प्लांट को स्वीकृति मिल गई है। जनता का सहयोग रहा तो संभावित तीसरी लहर का जिले में कोई असर नहीं होगा।

-डा. विक्रम कटोच, जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा

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