हिमाचल में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर लोगों ने किया अस्पताल का रुख, ओपीडी में बढ़ोतरी

Himachal Hospital राजधानी शिमला के आइजीएमसी में ओपीडी बढ़ने लगी है। पिछले महीने की अपेक्षा इस महीने की शुरुआत से ही मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले महीने जहां रोजाना 500 से 600 मरीजों की ओपीडी रहती थी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 02:50 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 02:52 PM (IST)
हिमाचल में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने पर लोगों ने किया अस्पताल का रुख, ओपीडी में बढ़ोतरी
राजधानी शिमला के आइजीएमसी में ओपीडी बढ़ने लगी है।

शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal Hospital, राजधानी शिमला के आइजीएमसी में ओपीडी बढ़ने लगी है। पिछले महीने की अपेक्षा इस महीने की शुरुआत से ही मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। पिछले महीने जहां रोजाना 500 से 600 मरीजों की ओपीडी रहती थी। वही ओपीडी बढ़कर 15 से 16 सौ तक पहुंच गई है। प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अस्पताल में ओपीडी बढ़ रही है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के चलते अस्पताल में ओपीडी के लिए पर्ची बनाने का समय सीमित कर दिया गया था। जहां दोपहर 1 बजे तक मरीज चेकअप कराने के लिए पर्ची बना सकते हैं।

सीमित समय होने के बावजूद रोजाना 15 सौ से अधिक मरीज पर्ची बनाकर चेकअप करवाने पहुंच रहे हैं। प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर थमता नजर आ रहा है। जहां रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे थे तो वही अब 500 से 600 केस सामने आ रही हैं और मौतों का आंकड़ा भी घटता जा रहा है।

मरीजों का बढ़ रहा मर्ज

प्रदेश में संक्रमण के खतरे के चलते सार्वजनिक यातायात सुविधाएं बंद कर दी गई हैं। बसें न चलने के कारण मरीजों को प्राइवेट टैक्सी करवा कर अस्पताल पहुंचना पड़ रहा है। ऐसे में मरीजों का मर्ज और बढ़ रहा है। आइजीएमसी में प्रदेश के विभिन्न जिलों से मरीज अलग-अलग बीमारियों के इलाज के लिए पहुंचते हैं। सब मरीजों के पास निजी वाहन ना होने के चलते उन्हें टैक्सी करवाने पर मजबूर होना पड़ता है। टैक्सियों का किराया देने के साथ मरीजों और तीमारदारों को इलाज में लगने वाली राशि की चिंता सताती है।

ऊना के कोविड अस्पतालों में 121 में से 88 बेड खाली

ऊना। जिला ऊना में कोरोना संक्रमण के मामले कम होने से स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव घटता जा रहा है। डीसीएससी पालकवाह में 76 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जहां 16 कोविड संक्रमित मरीज दाखिल हैं यानी यहां पर 60 बेड खाली हो गए हैं। जिला के दूसरे कोविड अस्पताल हरोली में 45 ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जिसमें से 17 भरे हुए हैं, जबकि 28 खाली पड़े हैं। इस तरह जिला में 121 ऑक्सीजन युक्त बेड कोरोना संक्रमितों के लिए उपलब्ध हैं, जिनमें से 88 बेड खाली हैं। जिला में लोगों की जागरुकता के साथ-साथ कोरोना कर्फ्यू से कोरोना संक्रमण की दर घट रही है। जिससे कोविड अस्पतालों में कोरोना के मरीज की संख्या कम हुई है। मरीजों की संख्या घटने से ऑक्सीजन की डिमांड भी कम हो रही है। 15 मई के आस-पास जब कोरोना संक्रमण चरम पर था। तो हरोली में 107 और पालकवाह में 250 ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग रहती थी, लेकिन अब पालकवाह में 72 और हरोली में 52 सिलेंडर की डिमांड रह गई है। उम्मीद है आने वाले दिनों में यह और कम रह जाएगी।

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