पहले दिन 3300 में से चलीं सिर्फ 686 निजी बसें
हिमाचल प्रदेश में हड़ताल समाप्त होने के बाद बुधवार को पहले दिन हिमाचल की सड़कों पर 3300 में से केवल 686 निजी बसें ही चलीं। निजी बस आपरेटर संघ का दावा है कि अधिकांश चालक व परिचालक अवकाश पर हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में हड़ताल समाप्त होने के बाद बुधवार को पहले दिन हिमाचल की सड़कों पर 3300 में से केवल 686 निजी बसें ही चलीं। निजी बस आपरेटर संघ का दावा है कि अधिकांश चालक व परिचालक अवकाश पर हैं। इस कारण ज्यादा बसें नहीं चल पाई। दूसरा ज्यादातर बसों की मरम्मत होनी है। इसके लिए आर्थिक मदद की जरूरत रहेगी।
संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि वह बैंकों को आदेश जारी करें ताकि उन्हें वर्किंग कैपिटल जल्द जारी हो सकेंगे। सरकार ने प्रति बस दो लाख वर्किंग कैपिटल देने की घोषणा की है। गौरतलब है कि प्रदेश में निजी बस आपरेटर चार मई से हड़ताल पर थे। सात मई को प्रदेश में कोरोना कफ्र्यू लागू होने पर सार्वजनिक परिवहन को बंद कर दिया गया था। 15 जून से सरकार ने बसें चलाने का फैसला लियाी था लेकिन निजी बस आपरेटर मांगों के समर्थन में अड़े रहे और बसें नहीं चलाईं। मंगलवार को सरकार के साथ वार्ता हुई और इनकी मांगें मानने पर सहमति जताई गई। इसके बाद आपरेटर ने हड़ताल खत्म हो गई। बस आपरेटर पथकर में छूट देने, वर्किंग कैपिटल जारी करने के साथ कई मांगें सरकार से कर रहे थे।
पहले दिन कम बसें चलीं। हमारे चालक व परिचालक अवकाश पर हैं। मरम्मत के लिए पैसे नहीं है। सरकार से आग्रह है कि वह बैंकों से जल्द वर्किंग कैपिटल जारी करवाए। धीरे- धीरे बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
-रमेश कमल, प्रदेश महासचिव, निजी बस आपरेटर संघ।
तीसरे दिन 1611 रूट पर चलीं एचआरटीसी की बसें
प्रदेश में बुधवार को 1611 रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसें चलीं। 85 रूट नए बहाल किए गए। वीरवार को कुछ और रूट बहाल हो सकते हैं। निगम प्रबंधन की कोशिश है कि अगले सप्ताह तक 2000 रूट पर बसें चलाई जाए। अभी इंटर स्टेट बस रूट बहाल नहीं किए गए हैं। इस पर अंतिम फैसला मंत्रिमंडल की बैठक में होगा।