82 दिन बाद कोरोना संक्रमण के सिर्फ 237 केस, किन्नौर से एक भी नया केस नहीं

हिमाचल में रविवार को 82 दिन बाद कोरोना के सिर्फ 237 नए पाजिटिव केस आए हैं। किन्नौर जिले में एक भी नया केस नहीं आया। एक्टिव केस 4777 रह गए हैं। रविवार को शनिवार की अपेक्षा 7140 कम यानी 13499 सैंपल लिए गए जिसमें से 2806 की रिपोर्ट आनी है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 09:40 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 09:40 PM (IST)
82 दिन बाद कोरोना संक्रमण के सिर्फ 237 केस, किन्नौर से एक भी नया केस नहीं
बड़ी राहत, 82 दिन बाद कोरोना के सबसे कम मामले। प्रतीकात्मक

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश में रविवार को 82 दिन बाद कोरोना के सिर्फ 237 नए पाजिटिव केस आए हैं। किन्नौर जिले में एक भी नया केस नहीं आया। एक्टिव केस 4777 रह गए हैं। रविवार को शनिवार की अपेक्षा 7140 कम यानी 13,499 सैंपल लिए गए, जिसमें से 2806 की रिपोर्ट आनी है। साथ ही कोरोना से सात की मौत हुई हैं व 855 संक्रमित स्वस्थ हुए। रिकवरी रेट 95.88 हो गई है। बिलासपुर व लाहुल स्पीति में एक्टिव केस 100 से कम रह गए हैं। कांगड़ा में पांच, मंडी व हमीरपुर में एक-एक की मौत हुई है। कांगड़ा में 70, शिमला में 30, मंडी में 27, ऊना में 27, चंबा में 23, सोलन में 16, बिलासपुर में 15, सिरमौर में 14, हमीरपुर में सात, लाहुल स्पीति में पांच और कुल्लू में तीन नए मामले आए हैं।

मात्र 132 को दी गई कोरोना वैक्सीन

प्रदेश में रविवार को केवल 132 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। एक दिन में यह सबसे कम वैक्सीन दी गई है। अब रविवार को वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी। इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में कमेटी गठित

हिमाचल में कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशक एवं आइजीएमसी के प्रिंसिपल डा. रजनीश पठानिया की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। इसमें पीजीआइ के दो विशेषज्ञों के अलावा मेडिकल कालेज के विशेषज्ञ व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल हैं। कमेटी अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में आने वाली तीसरी लहर को लेकर निगरानी रखेगी। जिससे प्रदेश में पहले से तैयारियां की जा सकें। सरकार ने निर्णय लिया है कि लाकडाउन, उसकी प्रक्रिया रहेगी व मरीजों को रैफर करने की चैन पर कमेटी ही रूपरेखा तैयार करेंगी। कमेटी जल्द ही कार्य योजना प्रस्तुत करेगी व स्वास्थ्य क्षेत्र के बुनियादी ढांचे की वर्तमान स्थिति और अनुमानित आवश्यकता का आकलन करेगी। तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने और प्रबंधन के लिए एक रणनीति तैयार की जाएगी, जिसमें आइसोलेशन, आक्सीजन व आईसीयू बिस्तर और वेंरीलेटर का प्रबंध करना और उचित व्यवस्था करना होगा।

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