ज्वालामुखी भाजपा में एक व्यक्ति अनेक पद की रीत से कार्यकर्ताओं में बढ़ रहा असंतोष
ज्वालामुखी मंडल भाजपा जो लगभग अाठ माह तक भंग रहा है और हमेशा प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रहा है। यहां पर पिछले कुछ समय से भाजपा में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को नजरअंदाज कर एक व्यक्ति अनेक पद की रीत चल रही है।
ज्वालामुखी, जेएनएन। ज्वालामुखी मंडल भाजपा जो लगभग अाठ माह तक भंग रहा है और हमेशा प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रहा है। यहां पर पिछले कुछ समय से भाजपा में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को नजरअंदाज कर एक व्यक्ति अनेक पद की रीत चल रही है। जिससे पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता सरकार व संगठन में स्थान पाने से महरूम हो गए हैं।
भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता सरकार बनने के बाद मन मसोसकर रह गए हैं। क्योंकि उनकी पार्टी में कोई पूछ नहीं रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चंद चाटुकार और स्वार्थी लोगों ने ही सरकार व संगठन में अपना प्रभाव बनाया हुआ है। जिस वजह से पार्टी के कई निष्ठावान कार्यकर्ता धीरे-धीरे गुमनामी के अंधेरे में होते चले जा रहे हैं। यही वजह है कि ज्वालामुखी में ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू हो रही है जिन लोगों को मान सम्मान नही मिला है और संगठन में सरकार में स्थान नहीं मिल रहा है बे अलग होकर अपना अलग से अलख जगाने की ओर बढ़ रहे हैं जो पार्टी के नियमों के खिलाफ है और पार्टी संगठन की मजबूती के रास्ते में भी सबसे बड़ी बाधा बनकर आ रही है।
पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने अपना नाम ना बताने की शर्त पर बताया कि उन्होंने विपक्ष में पार्टी का दिल खोलकर साथ दिया और पार्टी के नेता के साथ सरेआम चल कर अपने कर्तव्य निष्ठा और पार्टी के प्रति वफादारी व्यक्त की परंतु सरकार बनने के बाद उन्हें कोई नहीं पूछ रहा है। न सरकार न ही संगठन में कहीं उन्हें एडजस्ट किया गया है। जबकि इससे पूर्व जब भी सरकारें बनी तो उन्हें मान सम्मान मिलता रहा परंतु इस बार चंद चाटुकार लोगों ने ही अपना अलग से प्रभामंडल बना रखा है। जिसमें किसी भी तीसरे व्यक्ति के लिए स्थान नजर नहीं आ रहा है।
उन्होंने कहा कि विधायक रमेश धवाला बहुत ईमानदार और मिलनसार व्यक्तित्व हैं परंतु कुछ स्वार्थी लोगों ने उनको भी संगठन की लड़ाई में उलझा कर रखा हुआ है। जबकि वे भाजपा को अपने खून से सींचने वाले और 1998 में अपने वोट से सरकार बनाने वाले नेता हैं। ऐसे नेता की भी पार्टी संगठन और सरकार को जवाब देना पड़ रहा है। उन्होंने जिला भाजपा अध्यक्ष संजीव शर्मा मंडल भाजपा अध्यक्ष मान चंद राणा से भी आग्रह किया है कि एक व्यक्ति एक पद जो भाजपा का सिद्धांत है उस पर अमल करें वरना चुनाव सिर पर आ गए हैं। जिन लोगों के पास पार्टी की सदस्यता नहीं वे प्रदेश प्रतिनिधि कैसे बने। इन सवालों के जवाब देने होंगे।