बनखंडी में बेटे ने कोरोना संक्रमित मां को कंधे पर पहुंचाया श्‍मशानघाट

कोरोना रिश्ते व सामाजिक सारोकारों पर इस तरह से भारी पड़ेगा यह किसी न नहीं सोचा था। बनखंडी के गांव भंगवार में घटी घटना ने समाज का नया चेहरा दिखा दिया है। कोरोना काल में सामाजिक रिश्तों ने जो नया रूप लिया है वह ज्यादा भयानक व गंभीर है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 09:17 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 11:18 AM (IST)
बनखंडी में बेटे ने कोरोना संक्रमित मां को कंधे पर पहुंचाया श्‍मशानघाट
बनखंडी में कोरोना संक्रमित मां के शव को श्‍मशान घाट तक ले जाता बेटा।

धर्मशाला, जेएनएन। कोरोना रिश्ते व सामाजिक सारोकारों पर इस तरह से भारी पड़ेगा यह किसी न नहीं सोचा था। कांगड़ा जिला के बनखंडी के गांव भंगवार में घटी घटना ने सामाज के नए चेहरे दिखा दिया है। कोरोना काल में सामाजिक रिश्तों का भी नवीनीकरण हो गया है जो ज्यादा भयानक व गंभीर है।

रानीताल के भंगवार निवासी वीर सिंह की माता कोरोना संक्रमित थी अौर उनकी मौत हो गई। जब अंतिम संस्कार के लिए कोई भी अागे नहीं अाया तो पुत्र वीर सिंह ने पुत्र धर्म निभाने के लिए मां के शव को कंधे पर उठाया अौर शमशान घाट के लिए चल दिया। जबकि उसके पीछे उसकी पत्‍नी एक हाथ में सास के अंतिम संस्कार के लिए प्रयोग होने वाली सामग्री को संभाल रही थी तो कंधे पर अपने डेढ़ वर्ष के बच्चे को उठाए हुए थी। रानीताल में हुए इस घटना से मानवता को शर्मसार करक दिया है।

वहीं, प्रधान सूरम सिंह का कहना है कि उन्हें खुद को बुखार था, इस लिए प्रभावित व्यक्ति के घर नहीं गए अौर प्रशासन की अोर से किट दिलवाने की बात कही थी, लेकिन वीर सिंह ने कहा कि किट उसके रिश्तेदार लेकर अा रहे हैं। गांव के कुछ लोग जंगल में लकड़ियां काटने चले गए थे। वहां शव का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वीर सिंह ने जल्दबाजी दिखाई। वीर सिंह ने इस बारे कोई चर्चा नहीं की।

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