Himachal Weather : बारालाचा व शिंकुला में एक फीट हिमपात, अटल टनल पर्यटकों के लिए बंद

Himachal Weather एक दिन की धूप के बाद रविवार को फिर प्रदेश के कई स्थानों पर हिमपात हुआ। बारालचा व शिंकुला में एक फीट और रोहतांग में आधा फीट ताजा बर्फबारी हुई। किन्नौर और लाहुल-स्पीति में भी बर्फ गिरी। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर पर भी हिमपात हुआ है।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 09:42 PM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 09:42 PM (IST)
Himachal Weather : बारालाचा व शिंकुला में एक फीट हिमपात, अटल टनल पर्यटकों के लिए बंद
बारालाचा व शिंकुला में एक फीट हिमपात के साथ अटल टनल पर्यटकों के लिए बंद कर दी गई। जागरण

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Weather, एक दिन की धूप के बाद रविवार को फिर प्रदेश के कई स्थानों पर हिमपात हुआ। बारालचा व शिंकुला में एक फीट और रोहतांग में आधा फीट ताजा बर्फबारी हुई। किन्नौर और लाहुल-स्पीति में भी बर्फ गिरी। अटल टनल रोहतांग के दोनों छोर पर भी हिमपात हुआ है। मौसम को देखते हुए पर्यटकों को सोलंगनाला से आगे नहीं जाने दिया जा रहा है। रविवार को फार व्हील ड्राइव वाहन ही सोलंगनाला से अटल टनल तक जा सके।

वहीं, प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में दिनभर बादल छाए रहे। कुछ स्थानों पर बारिश भी हुई। चंबा में 21 मिलीमीटर, मनाली में पांच और भुंतर में चार मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। हिमपात के कारण प्रदेश में 12 सड़कों पर यातायात बंद है और 71 ट्रांसफार्मर खराब होने से विद्युत आपूर्ति बाधित है। लाहुल-स्पीति में ही 65 ट्रांसफार्मर खराब हैं। हिमपात में बिजली नहीं होने से यहां लोगों की परेशानी बढ़ गई है। हिमपात व बारिश के बाद एक बार फिर ठंड बढ़ गई है और अधिकतम तापमान में दो से छह डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। न्यूनतम तापमान में भी एक से दो डिग्री तक की गिरावट आई है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार और मंगलवार को कई स्थानों पर हिमपात और बारिश की संभावना है।

बागवानों ने किया बगीचों का रुख

सर्दियों के मद्देनजर कुल्लू जिला के बागवानों ने बगीचों का रुख कर लिया है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्रूङ्क्षनग व पेड़ों के गड्ढे बनाने का काम शुरू हो गया है। बारिश होने से जमीन में नमी आ गई है जिससे अब पेड़ों के तौलिये बनाने में भी आसानी हो गई है। जिला के प्रगतिशील बागवान नकुल खुल्लर, मनोज शर्मा, शेर ङ्क्षसह, सतपाल नेगी व राजन कश्यप ने बताया कि अधिकतर बागवान अब बगीचों में प्रूङ्क्षनग का कार्य आधुनिक उपकरणों से कर रहे हैं। इसके बाद पौधों में नीला थोथा और चुने का स्प्रे कर रहे हैं। उधर,बागवानी विभाग के विषयवाद विशेषज्ञ उत्तम पराशर ने बताया कि बारिश अच्छी हुई है और बगीचों में पहले ही पतझड़ हो चुका है, ऐसे में अब प्रूङ्क्षनग व तौलिया करने के लिए समय उत्तम है। प्रूङ्क्षनग के बाद पौधों के कटे भाग पर सेब और अन्य फलदार पौधे में चौबाटिया पेस्ट लगाना जरूरी है। जख्म में समय पर पेस्ट न लगाने से पौधा कैंकर रोग की चपेट में आ सकता है। पौधे पर जख्म बड़ा है तो बागवान गोबर और चिकनी मिट्टी का पेस्ट लगाएं। बगीचों में नए पौधे लगाने के लिए विभाग से संपर्क करें, ताकि वैज्ञानिक तरीके से सेब, सहित अन्य पौधे लगाए जाएं। जिला की हर पंचायत में विभाग की ओर से जागरुकता कैंप भी लगाए जा रहे हैं, साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में भी किसानों को मोबाइल वैन के द्वारा जागरूक किया जा रहा है।

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