Mothers Day 2021: डेढ़ साल की बेटी के नेगेटिव होते ही कोविड ड्यूटी पर जुट गईं डाक्टर तेंजिन
Dr Tenjin कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बचाने के लिए जिगर के टुकड़ों की देखरेख का जिम्मा नौकरानी के हवाले है। डेढ़ साल की बेटी संक्रमित थी उसके नेगेटिव होते ही ड्यूटी पर जुट गईं। 34 वर्षीय डॉ. तेंजिन के पति शरद केंद्रीय विद्यालय संधोल में प्राचार्य हैं।
मंडी, मुकेश मेहरा। कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बचाने के लिए जिगर के टुकड़ों की देखरेख का जिम्मा नौकरानी के हवाले है। डेढ़ साल की बेटी संक्रमित थी, उसके नेगेटिव होते ही ड्यूटी पर जुट गईं। लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक (मंडी) की सर्जरी विभाग की सीनियर रेजीडेंट डॉ. तेंजिन कोविड मरीजों को जिंदगी देने के लिए अपना फर्ज निभा रही हैं। लाहुल स्पीति की रहने वाली 34 वर्षीय डॉ. तेंजिन के पति शरद केंद्रीय विद्यालय संधोल में प्राचार्य हैं।
तीन साल का बेटा शिवा व डेढ़ साल की बेटी डालम की देखरेख का जिम्मा नौकरानी पर है। बेटी डालम कुछ समय पहले कोरोना से संक्रमित पाई गई थी। बेटे को अलग कर वह बेटी के साथ आइसोलेट हो गईं, लेकिन बेटी की रिपोर्ट नेगेटिव आते ही पुन: कोविड के खिलाफ मोर्चे पर डट गईं।
डा. तेंजिन बताती हैं कि कोविड ड्यूटी से आने के बाद वह कुछ समय के लिए खुद को आइसोलेट कर लेती हैं। उसके बाद ही अपने बच्चों से मिलती हैं। वह तेंजिन अब तक कई संक्रमित महिलाओं का सीजेरियन कर प्रसव करवा चुकी हैं।
बकौल डा. तेंजिन, कोविड ड्यूटी के सात दिन तक वह वीडियो कॉल के जरिए बच्चों से बात करती हैं। घर आने पर बच्चे एकदम उनके करीब न आएं इसके लिए खुद को अलग कर लेती हैं। हालांकि बेटा समझ जाता है, लेकिन बेटा कई बार जिद्द करती है। कोरोना संक्रमित मरीज भी हमारे सहारे हैं। यह भी हमारा परिवार ही हैं और इनकी देखरेख भी हमारी जिम्मेदारी है।
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