ओमिक्रोन के खतरे के बीच 550 लोग पहुंचे विदेश से हिमाचल, सरकार ने कोविड टेस्‍ट करवाने का दिया निर्देश

Himachal Pradesh Omicron Alert ओमिक्रोन के खतरे के बीच हिमाचल आए 550 विदेशियों को राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर टेस्ट करने का निर्देश जारी किया है। हिमाचल आने पर आठ दिन में टेस्ट करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास 550 विदेशियों का डाटा पहुंच गया है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 09:28 AM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 09:28 AM (IST)
ओमिक्रोन के खतरे के बीच 550 लोग पहुंचे विदेश से हिमाचल, सरकार ने कोविड टेस्‍ट करवाने का दिया निर्देश
ओमिक्रोन के खतरे के बीच हिमाचल आए विदेशियों को राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर टेस्ट करने का निर्देश जारी किया है।

शिमला, राज्य ब्यूरो। Himachal Pradesh Omicron Alert, ओमिक्रोन के खतरे के बीच हिमाचल आए 550 विदेशियों को राज्य सरकार ने आरटीपीसीआर टेस्ट करने का निर्देश जारी किया है। हिमाचल आने पर आठ दिन में टेस्ट करने को कहा है। स्वास्थ्य विभाग के पास 550 विदेशियों का डाटा पहुंच गया है। इनकी निगरानी की जा रही है। ओमिक्रोन के खतरे से सभी राज्य आवश्यक कदम उठा रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी ओमिक्रोन को फैलने से रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। ओमिक्रोन का बहुत तेज रफ्तार से फैलता है। यह फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।

हिमाचल में कोविड संक्रमण के 112 नए मामले

शिमला में 67 वर्षीय कोरोना संक्रमित पुरुष की मौत हुई है। कोरोना के 112 नए मामलों में 10 स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। संक्रमण दर 1.34 से बढ़कर 2.23 हो गई है। कोरोना जांच को 5005 सैंपल लिए गए, जिसमें से 12 की रिपोर्ट आनी है। 90 कोरोना संक्रमित स्वस्थ हुए हैं। एक्टिव केस बढ़कर 776 हो गए हैं। प्रदेश के चार जिलों कुल्लू, किन्नौर, लाहुल स्पीति व सिरमौर में कोरोना का कोई भी नया मामला नहीं आया है। कोरोना के नए मामलों में मंडी में 54, कांगड़ा में 27, हमीरपुर में 13, शिमला में नौ, ऊना में चार, बिलासपुर में तीन, चंबा व सोलन में एक-एक नया मामला आया है। कांगड़ा में 220, मंडी में 136,  शिमला में 135, ऊना में 105 और  हमीरपुर में 97 एक्टिव केस हो गए हैं।

नवोदय विद्यालय पंडोह के 44 बच्‍चे संक्रमित

मंडी। जवाहर नवोदय विद्यालय पंडोह के 44 विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। विद्यालय में एक सप्ताह में साठ बच्‍चे इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं। स्कूल को माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।

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