मनाली में एक बार फिर पालनहार बना बुजुर्ग दंप‍त्ति,13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बातल में चलते हैं ढाबा

बुजुर्ग दंपती एक बार फिर राहगीरों के पालनहार बने हैं। हर बार की तरह इस बार भी चाचा चाची के नाम से दुनिया मे मशहूर हो चुके दोरजे बोद्ध व हिशे छोमों ने बर्फ़बारी में फंसे दर्जनों पर्यटकों को शरण देकर उनकी जान बचाई है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 10:13 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:13 AM (IST)
मनाली में एक बार फिर पालनहार बना बुजुर्ग दंप‍त्ति,13 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित बातल में चलते हैं ढाबा
ढाबा चलने वाले बुजुर्ग दंपती एक बार फिर राहगीरों के पालनहार बने हैं।

मनाली,जसवंत ठाकुर। भारत के स्वर्ग के रूप में जाने वाले ऊंचाई के बर्फ से घिरे रहने वाले यह रेगिस्तान पर्यटकों को आकर्षित तो करते हैं लेकिन अचानक होने वाली बर्फ़बारी के दौरान यह जानलेवा भी हो जाते हैं। इस रेगिस्तान के लोग ऐसे हैं जो इस ठंडे क्षेत्र में आने वाले सैलानी मेहमानों को आरामदेह रखने के लिए पर्याप्त प्यार व अपनापन देते हैं।

लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर ढाबा चलने वाले बुजुर्ग दंपती एक बार फिर राहगीरों के पालनहार बने हैं। हर बार की तरह इस बार भी चाचा चाची के नाम से दुनिया मे मशहूर हो चुके दोरजे बोद्ध व हिशे छोमों ने बर्फ़बारी में फंसे दर्जनों पर्यटकों को शरण देकर उनकी जान बचाई है। शनिवार व रविवार को चंद्रताल गए पर्यटक अधिक बर्फ़बारी से बातल में फंस गए। इनमें से अधिकतर पर्यटकों ने चाचा चाची के ढाबे में शरण ली है। चाचा चाची की माने तो इस तरह की आपात स्थिति में उनका यह चंद्रा ढाबा पूरे दो महीने के लिए 15 लोगों को अपने पास रख सकता है तथा खाना खिला सकता है। यह चाचा चाची चार दशकों से बातल में उदारता, प्रेम और दया की मिसाल बने हैं।

लगभग 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बातल एक खतरनाक क्षेत्र है जहां कोई नेटवर्क सिग्नल नहीं है, कोई पेट्रोल पंप नहीं है। सर्पीली सड़कें वाहन चालक की परीक्षा लेती है। इन सब के बीच एक अस्थायी ढाबे पर बुजुर्ग जोड़ा यहां रुकने वाले प्रत्येक आगंतुक के लिए मनोरम भोजन और आरामदायक आवास सुनिश्चित करता है। हर एक थका हारा पर्यटक चाचा चाची के हाथ से बने खाने के बाद स्वयं को तरोताजा महसूस करते हैं।

सैंकड़ों लोगों की जान बचाने वाले चाचा चाची अपनी दयालुता व करुणा के चलते कई बार सम्मानित हो चुके हैं। प्रदेश सरकार भी इनको सम्मान दे चुकी है। चाचा चाची के पास चार साल पहले तक एक बीएसएनएल का सेटेलाइट फोन था जो इस तरह की आपात स्थिति में बहुत काम आता था लेकिन पता नहीं प्रशासन ने यह सुविधा भी बापस ले ली।

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