एनटीटी महासंघ बोला, प्री प्राइमरी स्कूलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति तर्कसंगत नहीं

हिमाचल एनटीटी प्रशिक्षित महासंघ की राज्य महासचिव कल्पना शर्मा ने कहा कि प्री प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी टीचर की भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को आरएंडपी (रेगुलेशन एंड प्रमोशन) रूल्स के तहत पूरा करना चाहिए।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 06:18 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 06:18 PM (IST)
एनटीटी महासंघ बोला, प्री प्राइमरी स्कूलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति तर्कसंगत नहीं
एनटीटी महासंघ बोला कि प्री प्राइमरी स्कूलों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति तर्कसंगत नहीं है। जागरण आर्काइव

मंडी, संवाद सहयोगी। हिमाचल एनटीटी प्रशिक्षित महासंघ की राज्य महासचिव कल्पना शर्मा ने कहा कि प्री प्राइमरी स्कूलों में नर्सरी टीचर की भर्ती में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना तर्कसंगत नहीं है।

उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया को आरएंडपी (रेगुलेशन एंड प्रमोशन) रूल्स के तहत पूरा करना चाहिए। हिमाचल एनटीटी प्रशिक्षित महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की एक वर्चुअल बैठक हुई। उसमें कहा गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का यह पेरेंटल विभाग भी नहीं है। आंगनबाड़ी को इस भर्ती में आयु में छूट, डिप्लोमा इन नर्सरी में छूट है, लेकिन जो इसके असली हकदार हैं उनको किसी भी तरह की छूट न देना संघ के गले नहीं उतर रहा है। इन सब ङ्क्षबदुओं को लेकर महासंघ आगामी दो-तीन दिन में हर जिला मुख्यालय पर मांगों को लेकर रैलियों के माध्यम से सरकार तक बात पहुंचाएगा। अगर फिर भी शिक्षा विभाग इनकी मांगों को नहीं मानेगा तब राज्य मुख्यालय में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हाल ही में शिक्षा विभाग की ओर से प्रस्तावित प्रस्ताव की समीक्षा की गई। राज्य कार्यकारिणी ने प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।

कल्पना शर्मा ने कहा कि इस भर्ती को आरएंडपी रूल्स फ्रेम करके किया जाए। इस भर्ती की लड़ाई कई वर्षों से एनटीटी प्रशिक्षित महासंघ ने लड़ी है। इस पद की पहली हकदार प्रशिक्षित नर्सरी टीचर हैं। इस तरह के निर्णय की एनटीटी महासंघ शिक्षा विभाग से कतई उम्मीद नहीं कर रहा था है। अगर नर्सरी टीचर भर्ती प्रक्रिया में नर्सरी टीचर के अलावा किसी ओर को कोटा देना बंद नहीं किया गया तो महासंघ प्रदेश भर में धरना-प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएगा। इसके बाद भी सरकार ने अपना रुख नहीं बदला तो राज्य स्तर पर भी संघर्ष का बिगुल फूंकने से बेरोजगार नर्सरी अध्यापिकाएं गुरेज नहीं करेगी।

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