एनपीएस कर्मचारी बोले, उपचुनाव से पहले हिमाचल में 2009 की अधिसूचना जारी करे सरकार, दी यह चेतावनी

NPS Employees Union नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन जिला कांगड़ा के प्रधान राजिंदर मन्हास ने कहा सरकार की लगातार अनदेखी से हिमाचल के एक लाख एनपीएस कर्मचारी काफी खफा हैं। मुख्यमंत्री लगातार चार साल से 2009 की अधिसूचना को लेकर एक ही डायलॉग एनपीएस कर्मचारियों से बोल रहे हैं

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 10 Aug 2021 01:57 PM (IST) Updated:Tue, 10 Aug 2021 01:59 PM (IST)
एनपीएस कर्मचारी बोले, उपचुनाव से पहले हिमाचल में 2009 की अधिसूचना जारी करे सरकार, दी यह चेतावनी
नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन जिला कांगड़ा के प्रधान राजिंदर मन्हास

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। NPS Employees Union, नई पेंशन स्कीम कर्मचारी एसोसिएशन जिला कांगड़ा के प्रधान राजिंदर मन्हास ने कहा सरकार की लगातार अनदेखी से हिमाचल के एक लाख एनपीएस कर्मचारी काफी खफा हैं। मुख्यमंत्री लगातार चार साल से 2009 की अधिसूचना को लेकर एक ही डायलॉग एनपीएस कर्मचारियों से बोल रहे हैं कि मामला सरकार के ध्यान में है। जल्द निर्णय लिया जाएगा। लेकिन चार साल से 2009 की अधिसूचना हिमाचल में लागू नहीं हो पाई है, जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ रहा है।

जिला प्रधान ने कहा मुख्यमंत्री कहते हैं कि एनपीएस एक राज्य को छोड़ पूरे भारत में सम्मान रूप से लागू है। लेकिन 2009 की अधिसूचना जिसके तहत सेवा के दौरान कर्मचारी की मौत पर पेंशन का परिवार को प्रावधान है। इस अधिसूचना को आाठ राज्य लागू कर चुके हैं तो ऐसे में प्रदेश सरकार को इसे लागू करने में क्‍यों ऐतराज है। जिला प्रधान ने कहा कि पिछले माह जिला कांगड़ा के सात विधायकों से एसोसिएशन इस अधिसूचना को लागू करवाने को मिली पर दुख यह रहा कि यह सात विधायक भी विधानसभा में इस मांग पर चुप्पी साध बैठे रहे।

जिला प्रधान ने कहा कि अब कर्मचारी बहुत याचना कर चुके हैं और अब याचना नहीं होगी। जिला प्रधान ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उपचुनाव से पहले 2009 की अधिसूचना जारी नहीं हुई तो उपचुनावों  के नतीजे सरकार के सारे दावों की हवा निकाल सकते हैं। जिला प्रधान ने कहा हर विधानसभा में 1500 परिवार एनपीएस कर्मचारियों के है जो किसी भी पार्टी के आंकड़े खराब करने को काफी हैं। उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि 15 अगस्त को यह अधिसूचना तत्काल लागू की जाए।

विरोध के बाद हरकत में आया विभाग, पदोन्नति के लिए मांगी एसीआर

शिमला। शिक्षक संगठनों ने पदोन्नति में देरी को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। शिक्षकों के विरोध के बीच विभाग ने पदोन्नति के लिए फाइल मूवमेंट शुरू कर दी है। उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक की ओर से उपनिदेशकों को सर्कुलर जारी किया गया है। इन्हें लेक्चरर, पीजीटी श्रेणी के शिक्षकों की एसीआर जल्द भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि पदोन्नति के लिए पैनल तैयार किया जा सके। मुख्य अध्यापकों से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की प्रक्रिया के लिए भी पैनल तैयार किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में कम से कम तीन माह लग जाएंगे। विभाग यह पैनल तैयार कर फाइल सरकार को भेजेगा। सरकार ही पदोन्नति पर अंतिम फैसला लेगी। शिक्षा विभाग ने 2015-16 से 2019-20 की एसीआर मांगी है। इसमें 274 शिक्षकों की सूची वेबसाइट पर अपलोड की गई है, जिनकी एसीआर मांगी गई है। इनमें कई लेक्चरर ऐसे हैं जो पदोन्नत होकर प्रधानाचार्य बन गए हैं। इनमें एक प्रधानाचार्य को शिक्षा निदेशालय में ही कार्यरत है। शिक्षकों ने विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

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