आप बिना ऑक्‍सीमीटर के भी जांच सकते हैं फेफड़ों और ऑक्‍सीजन का स्‍तर, बेहद आसान है तरीका, जानिए

How to Check Oxygen Level अगर आपके पास आक्सीमीटर नहीं है और इसे खरीदने में समक्ष नहीं हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। इसके बिना भी आप फेफड़ों व आक्सीजन के स्तर का पता लगा सकते हैं वह भी बिना पैसा खर्च किए।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 01:01 PM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 01:02 PM (IST)
आप बिना ऑक्‍सीमीटर के भी जांच सकते हैं फेफड़ों और ऑक्‍सीजन का स्‍तर, बेहद आसान है तरीका, जानिए
आक्सीमीटर के बिना भी आप फेफड़ों व आक्सीजन के स्तर का पता लगा सकते हैं।

मंडी, हंसराज सैनी। How to Check Oxygen Level, अगर आपके पास आक्सीमीटर नहीं है और इसे खरीदने में समक्ष नहीं हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। इसके बिना भी आप फेफड़ों व आक्सीजन के स्तर का पता लगा सकते हैं, वह भी बिना पैसा खर्च किए। अगर आप एक सांस में 20 से 25 सेकंड तक आसानी से एक वाक्य पूरा बोल लेते हैं तो समझो आपके शरीर में आक्सीजन की कमी नहीं है और न ही फेफड़ों में कोई दिक्कत है। एक वाक्य पूरा बोलने में दिक्कत हो तो कम से कम आधे घंटे तक पेट के बल लेटें। इसके बाद फिर एक वाक्य बोलने की कोशिश करें। अगर वाक्य बोलते समय सांस जल्दी टूट जाए तो तुरंत डाक्टर से सलाह लें।

लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल नेरचौक में मेडिसिन के विभागाध्यक्ष डा. राजेश भवानी का कहना है कि जागरूकता के अभाव में आक्सीजन का स्तर थोड़ा ऊपर-नीचे होने पर लोग अस्पताल का रुख करते हैं। इससे अस्पतालों में भीड़ उमड़ रही है। लोग आक्सीमीटर से रीडिंग लेने में जल्दबाजी करते हैं। रीडिंग आक्सीमीटर की क्वालिटी पर भी निर्भर करती है।

रीडिंग लेने से पहले पांच से 10 मिनट तक आराम करें। उसके बाद आक्सीमीटर के सेंसर पर सही तरीके से अंगुली रखें। रीडिंग लेने के लिए हमेशा मध्यम अंगुली का प्रयोग करें। आक्सीमीटर में कम से कम एक मिनट तक अंगुली रखें। कई बार आक्सीमीटर कम रीडिंग बताता है। उस स्थिति में घबराएं नहीं। कम से कम चार-पांच बार रीडिंग लें।

बकौल डा. राजेश भवानी, कोरोना संक्रमित मरीज कमरे में अकेला होता है और स्वजन बाहर होते हैं। एक बार रीडिंग कम आने पर सभी लोग घबरा हो जाते हैं। इससे बचना होगा। कोरोना से मृत्यु दर बढऩे की मुख्य वजह लापरवाही है। युवा पीढ़ी अब भी यह सोचकर नियमों की अवहेलना कर रही है कि उन्हें कुछ नहीं होगा। लक्षण छिपाए जा रहे हैं। लोग अस्पताल जाने व टेस्ट करवाने से कतरा रहे हैं। इन चीजों से बचना होगा, तभी जान खतरे में नहीं पड़ेगी।

chat bot
आपका साथी