हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल में अब नहीं लगेगी भीड़, IGMC निजी भूमि का अधिग्रहण कर बढ़ाएगा वेटिंग एरिया
IGMC Hospital Shimla शिमला में आकलैंड टनल के समीप खाली पड़ी जमीन का अधिग्रहण आइजीएमसी प्रशासन करेगा। इसके लिए अस्पताल प्रशासन तैयारी कर रहा है। यह जमीन नए बन रहे ओपीडी भवन के समीप है मौजूदा समय में इस जगह पर एंट्रांस बनाने का काम चल रहा है
शिमला, जागरण संवाददाता। IGMC Hospital Shimla, शिमला में आकलैंड टनल के समीप खाली पड़ी जमीन का अधिग्रहण आइजीएमसी प्रशासन करेगा। इसके लिए अस्पताल प्रशासन तैयारी कर रहा है। यह जमीन नए बन रहे ओपीडी भवन के समीप है, मौजूदा समय में इस जगह पर एंट्रांस बनाने का काम चल रहा है तो अस्पताल प्रशासन इस जमीन का अधिग्रहण करने की सोच रहा है, ताकि एंट्रांस एरिया का विस्तार किया जा सके। एंट्रांस में गाडिय़ों के मोडऩे की जगह के अलावा वेटिंग एरिया बनाया जाएगा। जगह के अधिग्रहण करने के बाद यहां 10 से 15 वाहनों के अस्थायी तौर पर पार्क करने का स्थान बन जाएगा। इसमें एंबुलेंस सहित अस्पताल में दवाई व अन्य जरूरी उपकरणों को लेकर वाने वाले वाहनों को पार्क करने की जगह होगी।
ओपीडी शुरू होने के बाद मरीजों के वाहन गेट के समीप खड़े होंगे, वाहन से उतरकर मरीज सीधा ओपीडी में जा सकेंगे। इसके बाद मरीजों के वाहन आइजीएमसी के समीप बनने वाली पार्किंग में पार्क किए जा सकेंगे। आइजीएमसी प्रधानाचार्य डॉ. सुरेंद्र सिंह ने बताया कि आकलैंड टनल के समीप पड़ी खाली जगह का अधिग्रहण करने की तैयारी चल रही है। इससे एंट्रांस एरिया का विस्तार होगा। न्यू ओपीडी में अस्पताल की सभी 33 ओपीडी शिफ्ट होंगी। इससे मरीजों और तीमारदारों के बैठने व चेकअप करवाने सहित टेस्ट की उचित व्यवस्था होगी। अस्पताल में टेस्ट करवाने के लिए एक ही जगह तैयार की जा रही है जहां मरीज सभी प्रकार के टेस्ट करवा सकते हैं और निश्चित समय में रिपोर्ट ले सकते हैं।
अस्पताल में खुलेगी जगह
आइजीएमसी में रोजाना दो से तीन हजार लोग विभिन्न ओपीडी में जांच करवाने पहुंचते हैं। तीमारदारों के साथ यह संख्या दोगुनी हो जाती है। इसके अलावा अस्पताल में 800 से 850 मरीज विभिन्न वार्डों में दाखिल रहते हैं। ऐसे में अस्पताल में कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना रहता है। मौजूदा समय में जगह की कमी के कारण कई ओपीडी और वार्ड छोटे-छोटे कमरों में हैं। मरीजों की संख्या बढऩे से भीड़ उनकी परेशानी बढ़ाती है। न्यू ओपीडी की सुविधा मिलने से अस्पताल में जगह खुल जाएगी। अस्पताल में उचित शारीरिक दूरी के नियम का पालन हो सकेगा। इससे अस्पताल में संक्रमण का खतरा घटेगा।