बच्चों को चपेट में ले रहा एमएसआइएस सिंड्रोम
कोरोना और ब्लैक फंगस के बीच अब मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी ङ्क्षसड्रोम (एमएसआइएस) ने दस्तक दी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में इस बीमारी की चपेट में आने पर 18 बच्चे दाखिल हो चुके हैं जोकि स्वास्थ्य लाभ लेकर घर लौट चुके हैं।
शिमला, जागरण संवाददाता। कोरोना और ब्लैक फंगस के बीच अब मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी ङ्क्षसड्रोम (एमएसआइएस) ने दस्तक दी है। इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में इस बीमारी की चपेट में आने पर 18 बच्चे दाखिल हो चुके हैं जोकि स्वास्थ्य लाभ लेकर घर लौट चुके हैं। इसके अलावा तीन बच्चे अभी उपचाराधीन हैं। चिकित्सक इन बच्चों पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं।
आइजीएमसी के एमएस डा. जनकराज का कहना है कि यह संक्रमण बच्चों में फैल रहा है और इसकी चपेट में वे बच्चे आ रहे हैं जो पहले कोरोना संक्रमित मरीज के संपर्क में आए हैं। बच्चों की हिस्ट्री ली गई तो किसी न किसी तरह उनका संपर्क कोविड से हो चुका था, इससे यह स्पष्ट हुआ है।
उनका कहना है कि यह बीमारी आमतौर पर समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती है लेकिन कुछ गंभीर केस में में बच्चे को दाखिल करवाना पड़ जाता है। यह बीमारी कोरोना की तरह एक-दूसरे से नहीं फैलती है। दवाओं व इंजेक्शन के माध्यम से बीमारी का उपचार संभव है, लेकिन लक्षण नजर आने पर अभिभावक बच्चों की जांच जरूर करवाएं।
एमएसआइ सिंड्रोम के लक्षण
मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम में बच्चों में लगातार बुखार आना, आंखों का लाल होना, शरीर में लाल चकत्ते निकलना, चेहरे पर सूजन होना, होठों पर सूजन, हाथों की अंगुलियों में सूजन, पेट में दर्द होना और सांस लेने में तकलीफ की परेशानियां दिखाई देती हैं। यह बीमारी शरीर के अंदर हार्ट, लीवर, गुर्दे को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी की चपेट में आने से बच्चों के हृदय, गुर्दे और लीवर तक में सूजन हो रही है और उसे रिकवर होने में कई सप्ताह लग रहे हैं।