हिमाचल में अब सड़क पर पशु छोड़ा तो देना होगा जुर्माना, मंत्री वीरेंद्र कंवर ने दिए यह आदेश

ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लोग पशुओं को बेसहारा न छोड़ें इसके लिए जुर्माने की राशि को बढ़ाया जा रहा है। जुर्माना राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जा रहा है। पंचायती राज अधिनियम 2006 में जल्द संशोधन किया जाएगा।

By Manoj KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 08:50 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 08:50 PM (IST)
हिमाचल में अब सड़क पर पशु छोड़ा तो देना होगा जुर्माना, मंत्री वीरेंद्र कंवर  ने दिए यह आदेश
मंत्री वीरेद्र कंवर का फाइल फोटो । जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। ग्रामीण विकास व पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि लोग पशुओं को बेसहारा न छोड़ें, इसके लिए जुर्माने की राशि को बढ़ाया जा रहा है। जुर्माना राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये किया जा रहा है। इस संबंध में हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 2006 में जल्द संशोधन किया जाएगा। वीरेंद्र कंवर वीरवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सदस्य रमेश धवाला और पवन काजल के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे।

उन्होंने कहा कि पशुओं को बेसहारा छोडऩे वालों पर पंचायत प्रधान जुर्माना नहीं करते थे। इसलिए सरकार अब तहसीलदार व एसडीएम को भी पशुओं को बेसहारा छोडऩे वालों पर जुर्माना करने की शक्तियां देगी। हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 2006 के तहत गोजातीय पशुओं के मालिक द्वारा ग्राम पंचायत में अपने पशुओं का पंजीकरण अनिवार्य है। पंजीकरण के बाद पशुओं को बेसहारा छोडऩे वाले पशुपालकों पर संबंधित ग्राम पंचायत द्वारा प्रथम अपराध के लिए 500 रुपये और दूसरे व उसके बाद अपराध पर 700 रुपये जुर्माने का प्रविधान है। गौसेवा आयोग की 17 जुलाई को हुई बैठक में प्रस्ताव पास कर हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन कर जुर्माने की राशि को 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये करने के प्रविधान की सिफारिश की गई है। प्रदेश में तीन गौ अभयारण्य कोटला बड़ोग, थानाकलां थाना खास और हांडा कुंडी में खोले गए हैं। इनमें 867 गौवंश को आश्रय प्रदान किया जा रहा है। गौसेवा आयोग के गठन के बाद अब तक 198 गौसदनों में से 101 आयोग से पंजीकृत हैं। उस समय 7500 पशु गौसदनों में थे। अब 17407 गौवंश गौसदनों और गौ अभयारण्य में रखे गए हैं। प्रत्येक पशु के रखरखाव के लिए 500 रुपये दिए जा रहे हैं।

गौ अभयारण्यों के निर्माण पर 7.7 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। कई बड़े गौ अभयारण्य का कार्य तेजी से चला है। अभी तक लुथान में 3.57 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इसमें 800 से 1000 पशु रखे जाएंगे। गौसदनों को लाभ में लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। अब खेती के लिए बैलों का प्रयोग बंद होने से दिक्कत बढ़ी है। इस समस्या से निजात पाने के लिए एक प्रोजेक्ट केंद्र को भेजा है। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से किसानों को सस्ती दर पर फीमेल सीमन उपलब्ध करवाया जाएगा।

वरिष्ठ भाजपा विधायक रमेश धवाला ने सवाल किया था कि कितने गौ अभयारण्य बने हैं। लुथान में बनने वाले गौ अभयारण्य पर कितना खर्च किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोग पशुओं को बेसहारा छोड़ रहे हैं और इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस सदस्य पवन काजल ने कहा कि बेसहारा पशुओं के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं और इसे रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

जून 2022 तक अधिकांश गौवंश को गौ अभयारण्य में ले जाने का लक्ष्य

वीरेंद्र कंवर ने कहा कि कोटला बड़ोग में गौ अभयारण्य बनाया है। सिरमौर जिला को बेसहारा पशु मुक्त किया गया है। बेसहारा पशुओं की समस्या समाज की है और लोगों ने पशु छोड़े हैं। कांगड़ा जिला में कई गौ अभयारण्य बन रहे हैं और इनके बनने पर समस्या काफी हद तक दूर होगी। जून 2022 तक अधिकांश गौवंश को सड़क से हटाकर गौ अभयारण्य में ले जाने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार तेजी से कार्य कर रही है। बंगाणा में गोकुल ग्राम बन रहा है। गोकुल ग्राम बनने पर वहां भारतीय नस्ल के अच्छे गौवंश रखे जाएंगे।

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