अब हिमाचल बनेगा रक्षा उपकरण उत्पादन का हब
राज्य सरकार हिमाचल को रक्षा उपकरण उत्पादन के हब के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। 5000 बीघा जमीन पर उत्तर भारत का पहला रक्षा उपकरण उत्पादन हब विकसित किया जाएगा। इसमें 150 छोटी इकाइयां स्थापित होंगी
शिमला, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार हिमाचल को रक्षा उपकरण उत्पादन के हब के रूप में विकसित करने की तैयारी में है। इसके लिए हरियाणा के पलवल की एसएमवीपी कंपनी पांच हजार करोड़ का निवेश करने के लिए तैयार है। 5000 बीघा जमीन पर उत्तर भारत का पहला रक्षा उपकरण उत्पादन हब विकसित किया जाएगा। इसमें 150 छोटी इकाइयां स्थापित होंगी, जो रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियों को माल उपलब्ध करवाएंगी।
इसके अतिरिक्त रक्षा उपकरण निर्माण करने वाली पांच बड़ी कंपनियों को प्रदेश में आने का न्योता दिया जाएगा। गोला बारूद सहित बुलेट प्रुफ जैकेट बनाने और अन्य आयुद्ध सामग्री का भी उत्पादन होगा। सरकार इसका ब्लू ङ्क्षप्रट तैयार कर चुकी है।
इस संबंध में हाल ही में शिमला स्थित राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ मुख्य सचिव राम सुभाग ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक हो चुकी है। 2019 में धर्मशाला में आयोजित राइङ्क्षजग हिमाचल इन्वेस्टर्स मीट में रक्षा उत्पादन पार्क बनाने को लेकर चर्चा हुई थी। उसके बाद रक्षा उपकरण पार्क ने रक्षा उपकरण हब का स्वरूप लिया है।
कंपनी को चाहिए तीन हजार बीघा जमीन
हरियाणा के पलवल की रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी एसएमवीपी निवेश के लिए तैयार है। पांच हजार करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए उसे तीन हजार बीघा जमीन की जरूरत रहेगी। इसके अलावा अन्य कंपनियों को भी आवश्यकतानुसार जमीन उपलब्ध करवाई जाएगी। औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में इस कंपनी को जमीन देने की औपचारिकताएं भी चल रही हैं। यह कंपनी गोला बारूद बनाने के अलावा बुलेट प्रुफ जैकेट निर्माण करेगी।
हथियार बनाने वाली कंपनियों को न्योता
सरकार की ओर से देश की हथियार बनाने वाली पांच नामी कंपनियों को न्योता दिया जाएगा। इन कंपनियों को राज्य में बुलाकर रक्षा क्षेत्र में निवेश करने की पेशकश की जाएगी।
आंकड़े
-5000 बीघा जमीन पर विकसित होगा उत्तर भारत का पहला रक्षा उपकरण हब
-150 छोटी इकाइयां स्थापित होंगी, रक्षा उपकरण कंपनियों को माल उपलब्ध करवाएंगी