बिना बिचौलिए के दखल के सीधे मंडी में पहुंचेगी फसल
जिले में धान खरीद को लेकर विभागीय प्रबंधों के कारण अब कृषकों को अपनी फसल बेचने की सुविधा घर-द्वार के पास ही मिलनी शुरू हो गई है। सरकार की तरफ से एफसीआइ किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने व बिचौलिया प्रथा को समाप्त करने में अहम भूमिका निभाएगी।
ऊना, जागरण संवाददाता। जिले में धान खरीद को लेकर विभागीय प्रबंधों के कारण अब कृषकों को अपनी फसल बेचने की सुविधा घर-द्वार के पास ही मिलनी शुरू हो गई है। सरकार की तरफ से एफसीआइ (फूड कार्पोरेशन आफ इंडिया) किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य दिलाने व बिचौलिया प्रथा को समाप्त करने के लिए अहम भूमिका निभाएगी। जिले में प्रथम फेज में एफसीआइ ने अम्ब उपमंडल के टकारला व हरोली क्षेत्र के टाहलीवाल में दो धान खरीद केंद्र खोले हैं जबकि भविष्य में इन मंडियों की संख्या को बढ़ाने पर भी योजना तैयार हो सकती है। एफसीआइ की तरफ से शुरू की गई खरीद को लेकर पर कृषकों में अपनी फसल बेचने के लिए काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। साथ ही ऊना के समीपवर्ती जिलों हमीरपुर व कांगड़ा के किसान भी अपनी उपज बेचने के लिए पंजीकरण करके यहां स्लाट बुक करवा सकते हैं।
टकारला व टाहलीवाल केंद्र पर किसानों ने दो दिन के लिए सभी स्लाट बुक कर लिए हैं। विभाग की तरफ से प्रतिदिन 25 स्लाट बुक करने का प्रविधान किया गया है। महज दो पहले शुरू हुई प्रक्रिया के तहत जिला में धान बेचने के लिए किसानों ने वेबसाइट पर 207 आवेदन किए हैं जिनमें से विभाग की तरफ से 145 कृषकों को मंजूरी दे दी गई है। लंबित 61 आवेदन की विभागीय अधिकारी जांच कर रहे हैं।
कहां से कितने आवेदन प्राप्त हुए
अब तक विभाग के पास 81 आवेदन तहसील अम्ब से, 24 ऊना से, हरोली से नौ, घनारी से 62, गगरेट से 10, हरोली क्षेत्र के ईसपुर से 12, ऊना क्षेत्र के बसदेहड़ा से आठ आवदेन प्राप्त हुए हैं। इनमें से अम्ब में 49 को, हरोली में 4, घनारी में 54, ईसपुर में 11, जोल में एक, मैहतपुर-बसदेहड़ा में सात व गगरेट में सात आवेदनों को मंजूरी दी गई है।
क्या है पंजीकरण का शुल्क
किसी भी कृषक को विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण करवाने के लिए लोकमित्र केन्द्रों पर मात्र 30 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इसमें पंजीकरण के लिए 20 रुपये और टोकन प्राप्त करने के लिए 10 रुपये का शुल्क अदा करना पड़ेगा। लोकमित्र केन्द्रों के संचालक भी सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क ले सकेंगे। उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई किए जाने का प्रविधान है।
फसल बेचने के लिए क्या प्रविधान किए
किसानों को वेबसाइट पर पंजीकरण करके टोकन प्राप्त करना होगा और आवंटित किए गए दिन और स्लाट के हिसाब से ही धान बेचने के लिए मंडी में जाना होगा। ऐसे कृषक जो अपने स्तर पर स्वयं पंजीकरण नहीं करवा सकते हैं, वे पंजीकरण की प्रक्रिया पूर्ण करने की लिए किसान नजदीकी लोकमित्र केन्द्रों की सेवाएं ले सकते हैं।
खरीद केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों को वेबसाइट पर आनलाइन पंजीकरण करवाना होगा। पंजीकरण स्वीकृत होने के बाद किसान को स्लाट बुक करना होगा। वेबसाइट पर लाल रंग वाली तिथियों में सभी स्लाट बुक हो गए हैं, जबकि हरे रंग में स्लाट की उपलब्धता है। किसान अपनी सुविधा अनुसार स्लाट की बुङ्क्षकग कर सकते हैं।
-राघव शर्मा, उपायुक्त।
धान खरीद को लेकर किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। यदि ऊना जिला के समीपवर्ती जिलों हमीरपुर, कांगड़ा समेत अन्य नजदीकी क्षेत्र के कृषक भी अपनी धान की फसल को विक्री के लिए ला सकते हैं। लेकिन यहां पर मंडी में लाने से पहले उन्हें भी पोर्टल पर अपना स्लॉट बुक करना होगा।
-डा. अतुल डोगरा, कृषि उपनिदेशक।