कोरोना काल में साइकिल की ओर बढ़ा रुझान

दिनेश कटोच धर्मशाला कोरोना काल में अब गुजरे वक्त की चीजें भी लोगों को याद आ रही हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Jun 2021 04:46 AM (IST) Updated:Thu, 03 Jun 2021 04:46 AM (IST)
कोरोना काल में साइकिल की ओर बढ़ा रुझान
कोरोना काल में साइकिल की ओर बढ़ा रुझान

दिनेश कटोच, धर्मशाला

कोरोना काल में अब गुजरे वक्त की चीजें भी लोगों को याद आ रही हैं। वह भी वक्त था जब लोग केवल साइकिल का ही इस्तेमाल करते थे। स्थानीय स्तर पर आवाजाही के साधन कम थे। आधुनिकता के युग में साइकिल का स्थान दो पहिया वाहनों स्कूटी या फिर मोटरसाइकिल ने ले लिया। अब पिछले कुछ समय से कोरोना काल में लोगों को साइकिल की महत्ता के साथ फिर से गुजरा जमाना याद आया है। पुरानी पीढ़ी ने साइकिल को अब भी संभालकर रखा है। आमजन सहित युवा अधिकारियों की भी यह पसंद बनती जा रही है। साइकिल परिवहन का सस्ता माध्यम है और इससे किसी भी किस्म का पर्यावरण प्रदूषण नहीं होता है। यह फिटनेस की दृष्टि से भी उपयोगी है।

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केस स्टडी 1

2013 से चला रहा हूं साइकिल

अपने आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए खेल गतिविधियों में भाग लेना जरूरी है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपके साथ कुछ सहयोगी न हों और आप कोई भी खेल में भाग न ले सकें। ऐसे में साइकिलिग एक अकेला ऐसा माध्यम है जो व्यक्तिगत रूप से आपको स्वस्थ रखता है। मैं खुद साइकिल चलाता हूं और 2013 से इसकी शुरुआत की थी। मेरा संदेश है कि साइकिल की सवारी को बढ़ावा दें। सुबह व सायं साइकिल चलना सेहत के लिए फायदेमंद है।

-शशिपाल नेगी, एसडीएम नगरोटा बगवां

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केस स्टडी दो

74 की उम्र में जवानी जैसा जोश

जीवन के 74वें वर्ष में प्रवेश कर चुके पंचायत हलेड़कलां के वार्ड 11 निवासी ओंकार सिंह धलौरिया आज भी साइकिल पर बैठकर बाजार के सारे काम करते हैं। 1963 से स्कूल के दिनों से ही साइकिल चलाने के शौक की बदौलत ही वह आज खुद को जवान महसूस करते हैं। भारतीय सेना में 15 साल तथा 23 साल पुलिस विभाग में बतौर कांस्टेबल सेवाएं दे चुके ओंकार सिंह बताते हैं कि सेना में नौकरी के दौरान जबलपुर तथा जालंधर में भी 50 किलोमीटर तक सफर करते रहे हैं। सेवानिवृत्ति के बाद भी साइकिल जैसे यातायात के सरल एवं सस्ते साधन अपना कर कई क्षेत्रों का भ्रमण कर चुके हैं।

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केस स्टडी 3

रोजाना डेढ़ घंटा चलाता हूं साइकिल

बचपन से ही साइकिल चलाने का शौक था। एथलीट के रूप में साइकिल चलाने का अपना ही महत्व है। इन दिनों युवाओं में साइकिल का क्रेज बढ़ा है। रोजाना डेढ़ घंटा साइकिल चलाता हूं। साथ ही छोटे-मोटे काम निपटाने के लिए भी साइकिल का इस्तेमाल करता हूं।

विक्रम चौधरी, अंतरराष्ट्रीय एथलीट धर्मशाला

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पिछले कुछ समय से साइकिल की मांग काफी बढ़ी है। बाजार में नए-नए मॉडलों की साइकिल उपलब्ध है। युवाओं में गियर वाली साइकिल का क्रेज काफी अधिक है। हालांकि कोरोना के इस समय में बिक्री कुछ कम है, लेकिन साइकिल की खरीद को लेकर उपभोक्ताओं में काफी क्रेज है।

-अरुण पठानिया।

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साइकिल चलाने के फायदे

रोजाना 15 से 30 मिनट साइकिल चलाने से पेट की चर्बी और वजन घटाने में मदद मिलती है। साथ ही रात में ठीक से नींद आती है। रोजाना सुबह साइकिल चलाने से फिटनेस बरकरार रहती है। साइकिल चलाने से रोग प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। सबसे बड़ा फायदा सेहत के साथ-साथ जेब और पर्यावरण को होता है।

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