राजा का तालाब में दो सरकारी अस्पताल, फ‍िर भी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को तरसे लोग

कस्बा राजा का तालाब में कहने को दो सरकारी अस्पताल मगर सुविधाएं जनता को पर्याप्त नहीं मिल पा रही हैं। नतीजन कस्बे की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पड़ोसी राज्य पठानकोट लुधियाना जालंधरऔर चंडीगढ़ पीजीआई की खाक छानने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 08:00 AM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 08:00 AM (IST)
राजा का तालाब में दो सरकारी अस्पताल, फ‍िर भी स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं को तरसे लोग
राजा का तालाब में दो सरकारी अस्‍पताल होने के बावजूद लोगों को स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।

राजा का तालाब, संवाद सूत्र। कस्बा राजा का तालाब में कहने को दो सरकारी अस्पताल, मगर सुविधाएं जनता को पर्याप्त नहीं मिल पा रही हैं। नतीजन कस्बे की जनता को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए पड़ोसी राज्य पठानकोट, लुधियाना, जालंधर,और चंडीगढ़ पीजीआई की खाक छानने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। राजा का तालाब का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई वर्षों से किराये के मकान में चल रहा है। जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें इसी सोच को मध्य नजर रखते हुए एक समाज सेवी ने इस अस्पताल के लिए जमीन भी दान कर रखी है।

पूर्व राज्य सभा सांसद किरपाल परमार के आग्रह पर स्वास्थ्य मंत्री डाक्टर राजीव सहजल ने राजा का तालाब का दौरा किया था। इस दौरान कस्बे के लोगों ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदले जाने की प्रमुख मांग रखी थी। इस अस्पताल के लिए जहां जमीन दान हो चुकी, वहीं बजट भी मंजूर होकर लोनिवि के पास पहुंच चुका है। मगर बावजूद इसके अभी तक इस अस्पताल का काम शुरू न होना जनता को समझ नहीं आ रहा है। जनसंख्या के हिसाब से इस कस्बे में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुलने से जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी।

यहा बैठता था एसडीएमओ आज सिर्फ एक स्टाफ के सहारे चल रहा काम

आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र में कभी एसडीएमओ बैठता था,आज हालात इस कदर की सिर्फ एक स्टाफ सहारे ही डिस्पेंसरी को चलाया जा रहा है। एस डीएमओ का कार्यालय अब ज्वाली हल्के में शिफ्ट करके कस्बे की जनता से सौतेला व्यवहार किया है। इस स्वास्थ्य केन्द्र से ही आसपास की 26 डिस्पेंसरियों को वेतन मुहैया कराया जाता था, पर आज तक दोनों हलकों के किसी भी मंत्री या विधायक ने उसकी तरफ नजर ए इनायत नहीं की है। इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि करीब 40 हजार हजार की आबादी के चलते यहां बड़ा चिकित्सालय खोला जाना चाहिए, लेकिन सरकार कोई ध्यान नही दे रही है। बड़ा चिकित्सालय खोला जाना तो दूर की बात इस डिस्पेंसरी में मिलने बाली तमाम सुविधाएं भी अन्य हल्के में खोल दी हैं।

लगता है यातायात जाम

डिस्पेंसरी बाजार के बीचोबीच होने कारण अक्सर बाहर वाहनों की कतारें, गंदगी की भरमार रहती है। इस डिस्पेंसरी को पौंगबांध विस्थापितों की सराय में शिफ्ट किए जाने की अटकलों का दौर चलता रहा जो सिरे नहीं चढ़ा है।

यह बोले प्रधान प्रिथी चंद

चकबाड़ी पंचायत प्रधान प्रिथी चंद का कहना कि इस डिस्पेंसरी को चकबाड़ी गांव में शिफ्ट किए जाने की प्रक्रिया चल पड़ी है।इस गांब के एक समाजसेवी ने डिस्पेंसरी के लिए भूमि दान करके समाजसेवा की मिसाल कायम की है।

यह बोले बीएमओ

फतेहपुर बीएमओ रंजन मेहता का कहना कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की प्रक्रिया चल पड़ी है।उन्होंने इस कार्यालय की रूप रेखा तैयार करके इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार को रिपोर्ट भेज दी, जल्द ही इस अस्पताल का काम शुरू हो जाएगा।

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