पेंशन मुद्दे पर किसी भी राजनीतिक दल की कोई प्रतिक्रिया न आने से आहत हुआ कर्मचारी वर्ग

हिमाचल के तीन विधानसभा क्षेत्र और एक लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं। बावजूद इसके ये दुर्भाग्य की स्थिति है कि दोनों बड़ी पार्टियों में से पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कोई प्रतिक्रिया किसी भी बड़ी पार्टी की अभी तक नहीं आई है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 10:30 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 10:30 AM (IST)
पेंशन मुद्दे पर किसी भी राजनीतिक दल की कोई प्रतिक्रिया न आने से आहत हुआ कर्मचारी वर्ग
पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कोई प्रतिक्रिया किसी भी पार्टी की नहीं आई है।

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। हिमाचल के तीन विधानसभा क्षेत्र और एक लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं। बावजूद इसके ये दुर्भाग्य की स्थिति है कि पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर कोई प्रतिक्रिया किसी भी बड़ी पार्टी की अभी तक नहीं आई है। जिससे हिमाचल के एक लाख एनपीएस कर्मचारी हैरान हैं।

नई पेंशन स्कीम कर्मचारी न्यू पेंशन स्कीम एसोसिएशन के कांगड़ा जिला प्रधान रजिंदर मन्हास ने जारी बयान कहा कि पिछले 6 साल से हिमाचल के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली की मांग को बड़े जोर शोर से दोनों पार्टियों के समक्ष उठाया है और हिमाचल जैसे कर्मचारी प्रधान राज्य में जहां सत्ता कर्मचारियों के इर्द-गिर्द घूमती हो उसमें इस मांग को नजर अंदाज़ करना उन कर्मचारियों के साथ धोखे से कम नहीं है जो इस चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

जिला प्रधान ने कहा कि कोरोना काल में हर सरकारी कर्मचारी ने बड़े बेहतर ढंग से अपनी ड्यूटी की जहां लोग घरों में बंद थे सरकारी कर्मचारी सड़कों पर, अस्पतालों में सेंटर और बैरियर पर हाई रिस्क में अपनी ड्यूटी कर रहा था। जिला प्रधान ने कहा कि तीसरी लहर के खतरे के बीच भी कर्मचारी लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए इन उपचुनाव में चुनाव ड्यूटी कर रहे हैं, लेकिन दोनों बड़ी पार्टियां इन कर्मचारियों की वर्षों से चली आ रही मांग पेंशन बहाली के मुद्दे पर खामोश हैं। जिला प्रधान ने दोनों बड़ी पार्टियों को पुरानी पेंशन बहाली की मांग पर अपना रूख स्प्ष्ट करने का भी आग्रह किया है।

उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन कर्मचारियों का हक है, क्योंकि अपना जीवन विभिन्न विभागों में समर्पित किया है, जिसके बलबूते सरकार की तमाम कल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम जनमानस तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पुरानी पेंशन बहाली को उपचुनाव में मद्दे रूप में दोनों बड़ी पार्टियों के न उठाए जाने से कर्मचारी वर्ग आहत है।

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