एनजीटी पैनल ने 10 दिन में अवैध खनन की सर्वे रिपोर्ट मांगी, लीज अवधि पांच से दो साल करने की बात कही

NGT Panel Sought Survey Report illegal Mining पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज जस्टिस जसबीर सिंह के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पांच सदस्यीय टीम ने बसाल क्षेत्र के साथ-साथ अन्य स्थानों पर हुए अवैध खनन की जांच की।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 02:51 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 02:52 PM (IST)
एनजीटी पैनल ने 10 दिन में अवैध खनन की सर्वे रिपोर्ट मांगी, लीज अवधि पांच से दो साल करने की बात कही
ग्रीन ट्रिब्यूनल की पांच सदस्यीय टीम ने बसाल क्षेत्र के साथ-साथ अन्य स्थानों पर हुए अवैध खनन की जांच की।

गगरेट, संवाद सहयोगी। NGT Panel Sought Survey Report illegal Mining, पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त जज, जस्टिस जसबीर सिंह के नेतृत्व में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की पांच सदस्यीय टीम ने बसाल क्षेत्र के साथ-साथ अन्य स्थानों पर हुए अवैध खनन की जांच की। टीम ने लोअर बसाल में स्वां नदी में हुए खनन के साथ-साथ अप्पर बसाल में एक क्रशर का निरीक्षण किया। इस दौरान उपायुक्त ऊना राघव शर्मा, एसपी अर्जित सेन ठाकुर, एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा, खनन अधिकारी नीरजकांत सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी साथ रहे। स्वां नदी में हुए खनन की जानकारी लेने के बाद पैनल के अध्यक्ष जस्टिस जसबीर सिंह ने खनन विभाग से बसाल क्षेत्र में हुए अवैध खनन पर 10 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

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जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि बिना लाइसेंस के पूरे जिला में हुए अवैध खनन का सर्वे करवा कर विस्तृत रिपोर्ट भी भेजी जाए। अवैध खनन को रोकने के लिए एनजीटी पैनल कुछ सिफारिशें भी करेगा। खनन के लिए पट्टे पर दी जाने वाली जगह की जियो फेंसिंग करवाने, रेत-बजरी की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाली गाड़ियों पर जीपीएस उपकरण लगाने तथा एक कंट्रोल रूम स्थापित करने पर भी विचार किया जाएगा। कंट्रोल रूम अवैध खनन से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करेगा।

एनजीटी पैनल ने लीज अवधि को 5 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष करने बात भी कही तथा दो वर्ष की अवधि के बाद अगले एक साल तक उस क्षेत्र को लीज पर न देने की सिफारिश भी की जा सकती है। इसके अलावा अगर लीज की वर्तमान अवधि 5 वर्ष ही रहती हो, तो अगले 2 वर्ष तक उस क्षेत्र को लीज पर नहीं दिया जा सकेगा। लीज एरिया में नियमानुसार खनन हो, इसके लिए स्वां नदी की सतह पर पक्के निशान बनाने की भी सिफारिश की जा सकती है, ताकि पता लगाया जा सके कि कितना रेत खड्ड में आया और कितना निकाला गया।

इसके बाद अप्पर बसाल में एक क्रशर का निरीक्षण करने के बाद एनजीटी पैनल के अध्यक्ष जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि प्रत्येक क्रशर पर काम करने वाले मजदूरों का रिकॉर्ड होना चाहिए। रजिस्टर में दर्ज होना चाहिए कि कितने मजदूर काम करते हैं, उन्हें कितनी मजदूरी दी गई। साथ ही क्रशर मालिक वायु प्रदूषण को रोकने के लिए भी कार्य करना सुनिश्चित करें, ताकि आस-पड़ोस में खेती योग्य भूमि को कोई नुकसान न हो और किसानों को असुविधा का सामना न करना पड़े। पैनल आगे की कार्रवाई के लिए सिफारिशों सहित अपनी विस्तृत रिपोर्ट एनजीटी को देगा।

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