न बैंड बाजा न बरात, यहां दूल्हा अकेला ही गया दुल्हन लेने, मंडी के प्रांशुल ने पेश की मिसाल
Mandi Pranshul Saini कोरोना काल में जहां लोग शादियों में एकत्रित होने से नहीं मान रहे। वहीं मंडी के सैनी परिवार ने एक मिसाल पेश की है। यहां कोई बैंड बाजा व लोगों का हुजूम नहीं उमड़ा। दूल्हा अकेला ही अपने दुल्हन लेने के लिए रवाना हो गया।
मंडी, जगरण संवाददता। Mandi Pranshul Saini, न बैंड न बाजा, सेहरे, शेरवानी की जगह पीपीई किट। बरात में भी केवल दूल्हा ही दुल्हन लेने हवाई जहाज में गया। कोरोना काल में सूक्ष्म विवाह कर मंडी के 27 वर्षीय प्रांशुल सैनी ने मिसाल पेश की है। अकेले दुल्हन को लेने गुजरात गए प्रांशुल सोमवार को अहमदाबाद में मानवी शाह संग परिणय सूत्र में बंधे। प्रांशुल के पिता परसराम सैनी और माता नीरा सैनी सहित अन्य स्वजनों ने उनको वीडियो कॉल पर ही आशीर्वाद दिया।
कोरोना में जहां लोग शादियों में जाने के लिए नियमों को तोड़ रहे हैं। वहीं मंडी के सैनी परिवार ने सूक्षम विवाह कर समाज को अच्छा संदेश दिया है। मंडी राजकीय विजय स्कूल के प्रधानाचार्य परस सैनी के इकलौते बेटे प्रांशुल का विवाह 28 फरवरी को मानवी शाह से तय हुआ था। 26 अप्रैल शादी तय थी। प्रांशुल ने अहमदाबाद गांधीनगर स्थित आइआइटी की पढ़ाई की। इसके बाद जर्मनी से न्यरो साइंस इंजीनियरिंग और फिर अहमदाबाद में ही एक कंपनी में नौकरी की जहां उनकी मुलाकात मानवी से हुई।
इसके बाद दोनों के परिवारों ने इनकी शादी का फैसला लिया। मानवी के पिता टेलेप शाह व माता आरती शाह फरवरी माह में हिमाचल आए और शादी तय की। कोरोना के फैलने के बाद मानवी के स्वजनों ने सैनी परिवार को गुजरात आने को कहा और सैनी परिवार ने हालात को देखते हुए सूक्ष्म विवाह करने पर सहमति जताई। इसी के चलते प्रांशुल अकेले 25 अप्रैल को चंडीगढ़ से हवाई जहाज से गुजरात गए। जहां सोमवार को उनका विवाह संपन्न हुआ। प्रांशुल वर्तमान में मंडी में ही ब्रिदिंग माइंड नामक कंपनी चला रहे हैं। उपायुक्त मंडी ऋग्वेद ठाकुर ने भी सैनी परिवार द्वारा उठाए गए इस कदम की सराहना की है। उन्होंने कहा कि समाज के लिए यह सूक्षम विवाह बहुत बढ़िया संदेश है।