कोरोना के खिलाफ लड़ाई में टीकाकरण अभिन्न अंग, राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के निदेशक ने बताई पांच सूत्रीय रणनीति
Five Point Strategy Against Covid कोविड-19 महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में पांच सूत्रीय रणनीति परीक्षण ट्रेसिंग उपचार कोविड अनुरूप व्यवहार और टीकाकरण में टीकाकरण एक अभिन्न अंग है। यह जानकारी राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के मिशन निदेशक निपुण जिंदल ने दी।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Five Point Strategy Against Covid, कोविड-19 महामारी के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में पांच सूत्रीय रणनीति परीक्षण, ट्रेसिंग, उपचार, कोविड अनुरूप व्यवहार और टीकाकरण में टीकाकरण एक अभिन्न अंग है। प्रदेश में 80,919 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, 51,656 फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 14,90,686 लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी बयान में राष्ट्रीय स्वस्थ्य मिशन के मिशन निदेशक निपुण जिंदल ने दी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की कोविड हिस्ट्री है, इम्युनिटी कम है, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, गुर्दे और फेफड़ों की बीमारी से ग्रस्त हैं, वे भी इस वैक्सीन को लगवा सकते हैं।
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यदि वैक्सीन की पहली खुराक लेने के बाद किसी प्रकार का रिएक्शन हुआ हो तो दूसरी डोज न लें। गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं को वैक्सीन न लगवाने का परामर्श दिया जाता है। कोविड महामारी से ठीक होने वाले, अस्पताल में कोविड संक्रमण के दौरान प्लाजमा थेरेपी लेने वाले मरीजों या गंभीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बीमारी से ठीक होने के चार से आठ सप्ताह तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद बाजू में दर्द, सिरदर्द, थकान, बुखार, ठंड लगना आदि आम बात है। कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हो जाता है तो उसकी गंभीरता कम रहती है। जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की पहली खुराक ले ली है वह दूसरी खुराक छह से आठ सप्ताह के बाद लें, ताकि प्रभावी प्रतिरक्षा का स्तर विकसित हो सके।
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