नासिक के साइक्लिस्ट ओम महाजन ने साइकिल से 27 घंटे 54 मिनट में तय किया लेह से मनाली का सफर

नासिक के साइक्लिस्ट 18 वर्षीय ओम महाजन ने साइकिल से 27 घंटे 54 मिनट में लेह से मनाली का सफर तय कर नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले कर्नल भरत पन्नू ने 11 अक्टूबर 2020 को 35 घंटे 32 मिनट में लेह मनाली का सफर तय किया था।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 12:30 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 12:30 PM (IST)
नासिक के साइक्लिस्ट ओम महाजन ने साइकिल से 27 घंटे 54 मिनट में तय किया लेह से मनाली का सफर
साइक्लिस्ट ओम महाजन ने साइकिल से 27 घंटे 54 मिनट में लेह से मनाली का सफर तय किया है।

मनाली, जसवंत ठाकुर। नासिक के साइक्लिस्ट 18 वर्षीय ओम महाजन ने साइकिल से 27 घंटे 54 मिनट में लेह से मनाली का सफर तय कर नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले कर्नल भरत पन्नू ने 11 अक्टूबर 2020 को 35 घंटे 32 मिनट में लेह मनाली का सफर तय किया था।

साइक्लिस्ट ओम महाजन वीरवार को सुबह छह बजे लेह से मनाली की ओर रवाना हुए। लगातार 27 घण्टे 55 मिनट चलने के बाद आज शुक्रवार सुबह नौ बजकर 55 मिनट में मनाली माल रोड पहुंचे। मनाली के पर्वतारोही खेमा ठाकुर ने माल रोड मनाली में उनका स्वागत किया। ओम महाजन की टीम में उनके चाचा डॉक्टर महेंद्र महाजन, दोस्त मनोज महालय, बलभीम काम्बले और संदीप कुमार शामिल रहे।

यूएस में स्पोर्ट्स मैनेजमेंट में अध्ययन कर रहे ओम महाजन का सपना माउंट एवरेस्ट फतेह करना है। उन्होंने मनाली के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान मनाली से 2018 में बेसिक कोर्स क़िया है। माल रोड मनाली में दैनिक जागरण से बातचीत में साइक्लिस्ट महाजन ने कहा कि साइकिल में अधिक से अधिक सफर करना और युवाओं को साइकिल का अधिक से अधिक प्रयोग करना उनका लक्ष्य है। युवा महाजन ने कहा कि वो चाहते है कि हर एक युवा अपनी साइकिल में ही स्कूल व कॉलेज जाए। गाड़ियों का प्रयोग कम हो ताकि धरती प्रदूषण से दूषित न हो सके।

10 दिन पहले हवाई सेवा द्वारा लेह पहुंचे थे। वहां की आवोहवा में ढलने के बाद वीरवार सुबह छह बजे लेह से मनाली के लिए रवाना हुए। लेह से मनाली के सफर का अनुभव सांझा करते हुए महाजन ने कहा कि ऊंचाई अधिक होने से सांस की दिकत हुई लेकिन जिद्द के आगे सब फीके पड़ गए। बारालाचा में खराब सड़क व धुंध भी बाधा बनी। बर्फ के हल्के फाहों ने बारालाचा में स्वागत किया तो होंसलों दोगुना हो गया। बारालाचा पार करने के बाद अधिक दिक्कत नहीं आई। 27 घंटों में मात्र आधा घंटा ही रास्ते में रूका। राहें कठिन थी लेकिन हिम्मत से काम लिया और मंजिल पा ली।

पिता और चाचा से मिली है प्रेरणा

पिता डॉक्टर हितेंद्र व चाचा डॉक्टर महेंद्र से प्रेरणा मिली। ओम के साथ टीम में शामिल चाचा डॉक्टर महेंद्र ने बताया कि उन दोनों भाइयों के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज है। अगस्त 2015 में रेश एक्रोस अमेरिका पांच हजार किमी का दूरी दोनों भाइयों ने आठ दिन 14 घंटे रिले में पूरी कर रिकॉर्ड बनाया था। इसमें टीम ऑफ टू के विनर रहे। पीएम मोदी ने 2015 में अपने कार्यालय में बुलाकर दोनों को सम्मानित किया था और मन की बात में भी जिक्र कर सम्मान दिया था।

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