नगरोटा सूरियां के पौंग झील से सटे क्षेत्र में पशु खुर-मुंह बीमारी की चपेट में, विभाग ने पशुपालकों को दी सलाह
Animals Disease नगरोटा सूरियां क्षेत्र में पशुओं को खुर-मुंह की बीमारी होने से पशुपालकों में हड़कंप मच गया है। एक साथ कई पालतू पशु बीमार होकर मर रहे हैं। बीमारी पौंग झील के खाली क्षेत्र में अपने मवेशियों के साथ आए पंजाब व जेएंडके के पशुओं के कारण फैली है।
नगरोटा सूरियां, रक्षपाल धीमान। नगरोटा सूरियां क्षेत्र में पशुओं को खुर-मुंह की बीमारी होने से पशुपालकों में हड़कंप मच गया है। एक साथ कई पालतू पशु बीमार होकर मर रहे हैं। इलाके के पशु पालकों का मानना है कि पशुओं में यह बीमारी पौंग झील के खाली क्षेत्र में अपने मवेशियों के साथ आए पंजाब व जेएंडके के पशुओं के कारण फैली है। क्योंकि गुज्जरों की भैंसों में खुर-मुंह की बीमारी है और इनकी कई भैंसें इस बीमारी से मर गई हैं। पौंग झील के मुहाने पर स्थित पंचायत सुगनाड़ा के प्रधान कर्ण पठानिया के नेतृत्व में ग्रामीणों ने गुज्जरों को पौंग क्षेत्र से बाहर भेजने की प्रशासन से गुहार भी लगाई थी और नगरोटा सूरियां के नायब तहसीलदार के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भी भेजा था।
लेकिन सरकार व प्रशासन ने मात्र आश्वासन देकर ग्रामीणों से इतिश्री कर ली। नतीजा यह हुआ कि अब आसपास के गांवों के पशु भी इस बीमारी की चपेट में आ गए हैं। नगरोटा सूरियां के पशु चिकित्सा अधिकारी ने भी माना है कि पशुओं के खुर मुंह की बीमारी एक पशु से दूसरे पशु के संपर्क में आने से फैलती है।
उन्होंने नगरोटा सूरियां, सुगनाड़ा, खब्बल, लुदरेट, घाड़ बरियाल, नंदपुर, कथोली व बासा पंचायत प्रधानों को पत्र लिख कर आग्रह किया कि क्षेत्र में पशुओं को मुंह खुर की बीमारी फैली है और क्षेत्र में फैल रहे संक्रमण से पशुओं को बचाने के लिए पशुओं को पौंग झील के क्षेत्र में खुले में न छोड़ने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा कि क्षेत्र के कुछ बीमार पशुओं के नमूने जांच को लिए गए हैं।
यह बोले सुगनाड़ा पंचायत के प्रधान कर्ण पठानिया
सुगनाड़ा पंचायत प्रधान कर्ण पठानिया ने कहा मुंह खुर की पशु बीमारी से उन्होंने ग्रामीणों के साथ प्रशासन व पशुपालन विभाग को एक महीना पहले ही अवगत करवा दिया था और पौंग झील के खाली क्षेत्र से अन्य राज्यों से मवेशियों के साथ आए गुज्जरों को बाहर निकालने की भी गुहार लगाई थी। लेकिन विभाग व प्रशासन लापरवाह बना रहा और नतीजा यह हुआ कि अब यह बीमारी पौंग झील से सटे गांवों के पालतू पशुओं में भी फैल गई है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि पौंग झील से गुज्जरों को मवेशियों सहित हटाया जाए।