नगर परिषद ज्‍वालामुखी में इन सात बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर, पूर्व अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी शामिल

Nagar Parishad Jawalamukhi नगर निकाय चुनाव के लिए नगर परिषद जवालामुखी में कल प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य तय हो जाएगा। रविवार सुबह आठ बजे से शाम 4 बजे तक निकाय के कुल सात वार्डों के लिए शहर के 3949 मतदाता 21 उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 09 Jan 2021 09:32 AM (IST) Updated:Sat, 09 Jan 2021 09:32 AM (IST)
नगर परिषद ज्‍वालामुखी में इन सात बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा दांव पर, पूर्व अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी शामिल
नगर परिषद जवालामुखी में इन बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है।

ज्‍वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। नगर निकाय चुनाव के लिए नगर परिषद जवालामुखी में कल प्रत्याशियों का राजनीतिक भविष्य तय हो जाएगा। रविवार सुबह आठ बजे से शाम 4 बजे तक निकाय के कुल सात वार्डों के लिए शहर के 3949 मतदाता 21 उम्मीदवारों के लिए मतदान करेंगे। इनमें सबसे अधिक 2000 महिलाएं तथा 1949 पुररुष मतदाताओं के हाथ प्रत्याशी चयन की बागडोर है। शाम को ही नतीजे घोषित होने के बाद नगर निकाय में अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष पद पर भाजपा या फिर कांग्रेस परचम फहराएगी तय हो जाएगा। हालांकि नगर निकाय का गठन आधिकारिक तौर पर बाद में होगा। लेकिन सात वार्डों में से जो भी पार्टी अपने चार समर्थकों को जीताने में कामयाबी हासिल करेगी, उसका अध्यक्ष बनना तय माना जा सकता है।

दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों के बड़े चेहरों की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी हुई है। जिसमें सबसे अधिक कुर्सी के तलबगार कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार हैं। हालांकि भाजपा ने भी इस बार सात में से 4 उम्मीदवार नगर परिषद की दहलीज पार करवाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया है। लेकिन पिछले 25 साल के राजनीतिक समीकरणों पर गौर करें तो कांग्रेसी खेमे को भी किसी भी हालत में कमजोर या नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

कांग्रेस यहां पर 23 साल तक राज करने में कामयाब रही है, जबकि भाजपा का 2 साल का कार्यकाल भी कांग्रेस बिचार धारा के पार्षदों के सहयोग से ही पूरा हो पाया है। भाजपा यहां अकेले अपने दम पर कभी भी अध्यक्ष पद के लिए जरूरी 4 पार्षदों के जादुई आंकड़े को नहीं छू पाई है। यहां मुकाबला हमेशा चार, तीन, या दो पांच रहकर कांग्रेस की झोली में गिरता रहा है।

जवालामुखी नगर परिषद में इस बार भी भाजपा और कांग्रेस में जोरदार घमासान के आसार हैं। 21 उम्मीदवारों में से सात राजनीतिक हस्तियों की प्रतिष्ठा दांव पर है, जो दो दशक से भी अधिक समय से किसी ना किसी रूप से नगर परिषद की दहलीज लांघकर अध्यक्ष या उपाध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचते रहे हैं। इस बार के चुनाव में कुछ नए चेहरे भी हैं, जिनका नगर परिषद में कोई लंबा सफर नहीं है। लेकिन बड़े नेताओं के आशीर्वाद से अध्यक्ष पद के बड़े दावेदारों में उनकी गिनती की जा रही है।

वार्ड नम्बर दो से पुजारी धर्मेंद्र शर्मा व पुजारी नितिन शर्मा पहली बार नगर निकाय चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं। यहां से भाजपा का कोई भी अधिकृत उम्मीदवार मैदान में नहीं है। धर्मेंद्र शर्मा पूर्व विधायक संजय रत्न के बेहद करीबियों में से हैं तथा ब्लॉक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। कांग्रेस के 4 पार्षद जीतने की सूरत में धर्मेंद्र शर्मा अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार हैं। संजय रत्न के आशीर्वाद से उन्हें इस पद तक पहुंचने के लिए वार्ड से जीत की ही जरूरत है। धर्मेंद्र के सामने कांग्रेस के ही पूर्व अध्यक्ष व वीरभद्र सिंह के समर्थक पुजारी राजन शर्मा के बेटे नितिन शर्मा मैदान में हैं। आकलन करें तो यहां धर्मेंद्र शर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर है।

वार्ड नंबर चार से सुखदेव शर्मा व अनीश सूद के बीच युवा तुर्क पुजारी मनु शर्मा, माल्टा ने ताल ठोकी है। सुखदेव, अनीश दोनों नगर परिषद के उपाध्यक्ष रह चुके हैं तथा दोनों कांग्रेसी हैं। मनु शर्मा भी संजय रत्न के विश्वाश पात्रों में अपनी विशेष जगह रखते हैं। यहां से भी भाजपा ने उम्मीदवार नहीं दिया है। तीनों बड़े नेता आपस में ही उलझे हए हैं। सभी की प्रतिष्ठा दांव पर है। समीकरण बनने पर यह तीनों भी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पद के बड़े दावेदार हैं।

वार्ड पांच में भी मुकाबला नगर परिषद की तीन पूर्व अध्यक्षों में है। मनीषा शर्मा भाजपा से हैं तथा अनिल प्रभा शर्मा कांग्रेसी कोटे से अध्यक्ष रहने के बाद इस बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाबी समर में हैं। यहां बबली शर्मा कांग्रेस की तरफ से मजबूत प्रत्याशी हैं। तीन चुनावों में हर बार अलग-अलग वार्डों से चुनाव लड़कर जीतने का बिरला रिकॉर्ड उनके नाम है। बबली शर्मा भी कांग्रेसी कोटे से निकाय की प्रधान रह चुकी हैं, जबकि मनीषा शर्मा के नाम पिछले 25 सालों में भाजपा की तरफ से ढाई साल अध्यक्ष रहने का एकमात्र रिकॉर्ड है। 25 सालों में इन ढाई सालों के अलाबा भाजपा कभी भी अध्यक्ष पद तक नहीं पहुंची है। तीनों महिलाओं की राजनीतिक प्रतिष्ठा दांव पर है।

रविवार को ज्‍वालामुखी में निकाय चुनाव की सारी तस्वीर साफ हो जाएगी। अध्यक्ष पद का सेहरा किसके सिर सजेगा, यह बाद की बात है। लेकिन सात बड़े चेहरे अपना राजनीतिक बजूद बचा पाएंगे या नहीं रविवार शाम को ही मतगणना पूरी होने के बाद स्पष्ट हो जाएगा।

एसडीएम ज्‍वालामुखी धनवीर ठाकुर का कहना है हमनें चुनावी तैयारियां पूरी कर ली हैं। रविवार को आठ बजे से 4 बजे तक वोटिंग होगी। शाम तक नतीजे भी आ जाएंगे। हम मतदाताओं से अपील करते हैं कि व्यवस्था बनाते हए अधिक से अधिक मतदान करने आएं।

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