केंद्रीय विश्वविद्यालय और क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र जोगेंद्रनगर के बीच एमओयू हुआ साइन, शिक्षा में आएगा सुधार
गुणवत्ता अनुसंधान और उच्च अंत विज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ जैव विज्ञान और जैव सूचना विज्ञान के व्यापक क्षेत्रों में दो संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
धर्मशाला, जागरण संवाददाता। केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश व क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र-1, जोगेंद्रनगर ( आरसीएफसी-एनआर-1) के बीच समझौता हुआ। गुणवत्ता अनुसंधान और
उच्च अंत विज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य के साथ जैव विज्ञान और जैव सूचना विज्ञान के व्यापक क्षेत्रों में दो संस्थानों के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान कार्यक्रम शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस मौके पर मौजूद दोनों संस्थानों के अधिकारियों के अनुसार वे समान लक्ष्यों को साझा करते हैं और आपसी संसाधन साझा करने के माध्यम से भारतीय उच्च शिक्षा और अनुसंधान को मजबूत करने की दिशा में एक
सहकारी व्यवस्था स्थापित करने के इच्छुक हैं। यह समझौता ज्ञापन पांच वर्ष पूरे होने तक लागू रहेगा। इसकी
वैधता दोनों पक्षों के आपसी समझौते से बढ़ाई जा सकती है। उक्त समझौता ज्ञापन के अनुसार औपचारिक शैक्षणिक पाठ्यक्रम, संगोष्ठी, अल्पकालिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आदि के आयोजन के माध्यम से विज्ञान और प्रौद्योगिकी के पारस्परिक रूप से पहचाने गए क्षेत्रों में उचित रूप से प्रशिक्षित जनशक्ति उत्पन्न करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला और क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर को पर्यवेक्षण और मार्गदर्शन और अनुसंधान के लिए एक मान्यता प्राप्त केंद्र के रूप में मान्यता देगा, जिससे जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, रसायन विज्ञान, आणविक जीव विज्ञान, पादप विज्ञान, पशु विज्ञान या किसी भी नामित विषयों जीवन विज्ञान या रासायनिक विज्ञान की अन्य शाखा में एमफिल/पीएचडी की डिग्री प्राप्त होगी। केंद्रीय विश्वविद्यालय क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर वैज्ञानिकों को मान्यता प्रदान करेगा, बशर्ते कि विश्वविद्यालय के अधिनियम, विधियों और अध्यादेशों के अनुसार पात्रता आवश्यकताओं की पूर्ति हो, एमफिल/पीएचडी डिग्री के लिए अनुसंधान का मार्गदर्शन करने के लिए सह-पर्यवेक्षक के रूप में हो।
क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर और सीयूएचपी अपने नियमों और विनियमों के अधीन
और पारस्परिक परामर्श के माध्यम से एक सहयोगी अनुसंधान डिग्री (एमफिल/पीएचडी) कार्यक्रम विकसित
करेंगे। केंद्रीय विश्वविद्यालय क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगिंदरनगर के वैज्ञानिकों और पीएचडी छात्रों को पुस्तकालय और अनुसंधान सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करेगा और वे विश्वविद्यालय के संकाय और शोधार्थियों पर लागू विश्वविद्यालय के नियमों और विनियमों द्वारा शासित होंगे। वहीं आरसीएफसी-एनआर-1 सीयूएचपी के संबंधित स्कूलों के छात्रों और संकाय सदस्यों को अपने पुस्तकालय और अनुसंधान सुविधाओं तक पहुंच प्रदान
करेगा और वे आरसीएफसी-एनआर -1 वैज्ञानिकों पर लागू नियमों और विनियमों द्वारा शासित होंगे।
क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर छात्रों को ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण, अनुसंधान सुविधाएं (एक बार
में 10 से अधिक नहीं) प्रदान करेगा और क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर के वैज्ञानिक इन
छात्रों के लिए शिक्षण सामग्री तैयार करने में मदद करेंगे। एइस मौके पर सीयू कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल ने कहा कि विवि अनुसंधान के कार्यों में कोई एसमझौता नहीं करेगा। कार्य उच्चकोटी को होना आवश्यक है। इसी दिशा में सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर ( आरसीएफसी-एनआर-1) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
समझौता ज्ञापन का दायरा जैव प्रौद्योगिकी, जैव सूचना विज्ञान, रसायन विज्ञान, और आणविक जीव विज्ञान, पादप विज्ञान, पशु विज्ञान या जीवन विज्ञान या रासायनिक विज्ञान की किसी अन्य शाखा के नामित विषयों में अनुसंधान
और शिक्षण के लिए सहयोग करना होगा। अनुसंधान जारी रखने और अनुसंधान एवं विकास कार्यक्रमों के
संचालन के लिए बुनियादी सुविधाओं की पारस्परिक रूप से साझेदारी रहेगी। इस समझौता ज्ञापन के दौरान
विवि के कुलसचिव प्रो. विशाल सूद, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रदीप कुमार, कुलपति के निजी सचिव प्रो.
अंबरीश महाजन और क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र उत्तरी क्षेत्र -1, जोगेंद्रनगर से रिजनल डायरेक्टर डा. अरूण
चंदन मौजूद रहे।