गाजियाबाद से पहुंचे पिता को नहीं मिली विनीता की कोई निशानी, बेसुध हुए

ब्रह्मगंगा नाले में बादल फटने से बाढ़ की चपेट में आने से बही कैंपिंग साइट मैनेजर विनीता चौधरी के स्वजन गाजियाबाद से यह उम्मीद लेकर चले थे कि कुल्लू पहुंचते ही कोई सुखद सूचना मिलेगी। बेटी का सुराग लगना तो दूर पिता को जब उसकी कोई निशानी नहीं मिली।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 09:27 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 09:27 PM (IST)
गाजियाबाद से पहुंचे पिता को नहीं मिली विनीता की कोई निशानी, बेसुध हुए
ब्रह्मगंगा नाले में बही विनिता की फाइल फोटो।

 कुल्लू , संवाद सहयोगी। कुल्लू जिले के मणिकर्ण के ब्रह्मगंगा नाले में बादल फटने से बाढ़ की चपेट में आने से बही कैंङ्क्षपग साइट मैनेजर विनीता चौधरी के स्वजन गाजियाबाद से यह उम्मीद लेकर चले थे कि कुल्लू पहुंचते ही कोई सुखद सूचना मिलेगी। बेटी का सुराग लगना तो दूर पिता को जब उसकी कोई निशानी नहीं मिली तो वह बेसुध होकर गिर गए। पथराई आंखों से स्वजन बेटी की तलाश में कई घंटे तक ब्रह्मगंगा नाले की खाक छानते रहे, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा। स्वजन ने कैंपिंग साइट का चप्पा-चप्पा छाना, लेकिन पत्थर व मलबे के सिवाय वहां कुछ नहीं था।

उन्होंने विनीता के सहयोगी अर्जुन से भी बेटी के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की, लेकिन निराशा ही हाथ लगी। वीरवार को विनीता के पिता विनोद, मामा विकास, जीजा देवेंद्र ङ्क्षसह व डा. कृष्ण पाल सिंह दोपहर 12 बजे कुल्लू पहुंचे। पुलिस अधीक्षक गुरदेव शर्मा से मुलाकात की। पुलिस अधीक्षक ने उसके साथ एक टीम मणिकर्ण के लिए भेजी। बेटी का कोई सुराग न लगने पर पिता विनोद बोले, पता नहीं उनके जिगर का टुकड़ा आखिर कहां चला गया। परिवार में सभी पूछेंगे क्या विनीता को साथ लेकर आए उसकी कोई निशानी लाए उस समय क्या जवाब देंगे।

मामा विकास चौधरी ने बताया कि विनीता को पढऩे-लिखने का बहुत शौक था। वह जियोलाजी में पीजी कर रही थी। कसोल में उसने किताबें भी रखी थीं। उसके सामान का बैग भी नहीं मिला। विनीता पुत्री विनोद निवासी गांव निस्तौली, नजदीक टिल्ला मोड़ लोनी रोड गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) बुधवार को ब्रह्मगंगा नाले में आई बाढ़ में बह गई है। उसका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है।

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