घर की धरोहर बचाने में परागपुर फिसड्डी

प्रवीण कुमार शर्मा ज्वालामुखी हिदी फिल्मों की शूटिग तो कभी अपनी धरोहर के लिए सुर्खियों में रहने वाला परागपुर इस बार गलत कारणों से चर्चा में आया है। क्षेत्र की 79 पंचायतों में से 40 पर महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने वाले परागपुर विकास खंड में महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 06:00 AM (IST)
घर की धरोहर बचाने में परागपुर फिसड्डी
घर की धरोहर बचाने में परागपुर फिसड्डी

प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी

कभी हिदी फिल्मों की शूटिग तो कभी अपनी धरोहर के लिए सुर्खियों में रहने वाला परागपुर इस बार गलत कारणों से चर्चा में आया है। क्षेत्र की 79 पंचायतों में से 40 पर महिलाओं की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने वाले परागपुर विकास खंड में महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हैं। परागपुर की महिलाएं सबसे ज्यादा ससुराल पक्ष की ओर से सताई हुई हैं।

जिले में पिछले दो साल में लगातार यह ब्लाक इस मामले में सबसे आगे है। इस बात से अनभिज्ञ गरली पंचायत की प्रधान शशिलता कहती हैं कि अगर ऐसा है तो यह शर्म की बात है। हालांकि वह कहती हैं कि उन्होंने जबसे पंचायत की कमान संभाली है, ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। अपर परागपुर की प्रधान मीना यह स्वीकार करती हैं कि उनकी पंचायत में दो-तीन ऐसे मामले आए हैं और वह लगातार पीड़ित महिलाओं के संपर्क में हैं। वह इसका कारण शराब की आदत को मानती हैं। आंकड़े बताते हैं कि परागपुर ब्लाक के कुछ पुरुष आदत से मजबूर हैं। जिले में इस साल अप्रैल से अगस्त तक घरेलू हिंसा के कुल 455 मामले दर्ज हुए हैं और इनमें से सबसे ज्याद 51 परागपुर क्षेत्र से हैं। पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा जिले में 385 और परागपुर में 43 था। जागोरी चैरिटेबल ट्रस्ट की ईडी आभा कहती हैं कि महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिसा के मामले पिछले दो साल में बढ़े हैं और इसकी एक वजह कोरोना महामारी भी है। वह बताती हैं कि उनका एनजीओ जिले में नारी अदालतों का आयोजन करता है और इसमें बहुत सारे मामले आते हैं व इन्हें सुलझाने की कोशिश करते हैं। आभा बताती हैं कि केंद्र सरकार की ओर से निर्भया प्रोजेक्ट के तहत जिले में अब दो कमरों का शेल्टर बना है। यहां घरेलू हिसा की शिकार महिलाओं को पुलिस और वकील से लेकर काउंसलर उपलब्ध करवाया जाता है। गरली की प्रधान शशिलता कहती हैं कि शराब ठेके अगर बंद हो जाएं तो महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिसा के मामले कम हो जाएंगे। वह बताती हैं कि पुरुषों को भी इस बात का ध्यान करना चाहिए की घर की शांति दो घूंट शराब से कहीं बढ़कर है। उधर महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी रंजीत सिंह ने कहा कि यह सही है कि परागपुर में घरेलू हिसा के मामले सबसे अधिक हैं। अध्ययन बताता है कि नशा इसका सबसे बड़ा कारण है। रंजीत सिंह ने बताया कि इसमें कमी लाने के लिए समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर रहे हैं। काउंसिलिग से भी बहुत मामले सुलझाए जा रहे हैं।

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शाहपुर कालेज में बेटियों की संख्या ज्यादा

संवाद सूत्र, शाहपुर : राजकीय महाविद्यालय शाहपुर में शैक्षणिक सत्र 2021-22 में 1874 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है और इनमें छात्राओं की संख्या अधिक है। प्राचार्य आरती वर्मा ने बताया कि 1234 छात्राएं और 640 छात्र हैं। उन्होंने बताया कि शाहपुर में कालेज खुलने से ग्रामीण क्षेत्र की बेटियों को काफी लाभ मिला है।

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