ग्राम्फू-काजा मार्ग बहाल होते ही 150 से अधिक वाहन निकाले

लाहुल-स्पीति प्रशासन ने मंगलवार शाम से बंद ग्राम्फू-काजा मार्ग को बहाल कर लिया है। इस मार्ग पर फंसे 150 से अधिक वाहन अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। यह मार्ग दोहरनी तथा छोटा दड़ा नाला में बाढ़ आने से अवरुद्ध हो गया था।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 10:28 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:28 PM (IST)
ग्राम्फू-काजा मार्ग बहाल होते ही 150 से अधिक वाहन निकाले
जेसीबी में बैठकर तोजिंग नाला पार करते मंत्री डॉक्टर रामलाल मार्कंडेय। जागरण

मनाली, जागरण संवाददाता। लाहुल-स्पीति प्रशासन ने मंगलवार शाम से बंद ग्राम्फू-काजा मार्ग को बहाल कर लिया है। इस मार्ग पर फंसे 150 से अधिक वाहन अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं। यह मार्ग दोहरनी तथा छोटा दड़ा नाला में बाढ़ आने से अवरुद्ध हो गया था। काजा से आ रहे वाहन बातल में फंस गए थे। तकनीकी शिक्षा मंत्री डा. रामलाल मार्कंडेय भी बातल में फंसे हुए थे, लेकिन वो कुछ जगह पैदल चलकर बुधवार को ही केलंग पहुंच गए थे। कुछ वाहन बुधवार रात को निकल आए, जबकि अधिकतर सभी वाहन आज अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं।

सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की 70 आरसीसी मनाली-लेह मार्ग की बहाली में जुटी हुई है। साकस नाले सहित दारचा से सरचू तक जगह-जगह सड़क टूट गई है। हालांकि बीआरओ ने अस्थायी तौर पर बाया प्यूकर से कारदंग होते हुए छोटे वाहन आरपार करवा दिए हैं, लेकिन बीआरओ मनाली-लेह मार्ग को स्थायी तौर पर बहाल करने में जुटा है। बीआरओ की मानें तो शुक्रवार सुबह तक मनाली-लेह मार्ग सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल कर दिया जाएगा। इस मार्ग पर सरचू, भरतपुर, ङ्क्षजगङ्क्षजगबार, पतसेउ, दारचा, जिस्पा, गेमुर में फंसे पर्यटक भी अब धीरे-धीरे अपने गंतव्य तक पहुंचने लगे हैं। तांदी संसारी मार्ग पर बीआरओ को भारी नुकसान हुआ है। तीन जगह पुल बह गए हैं। छह से अधिक स्थानों से सड़क ही गायब हो गई है। तोङ्क्षजग नाला में यातायात व्यवस्था सुचारू कर ली गई है, लेकिन शांशा पुल और जाहलमा पुल के बह जाने से यातायात सुचारू होने में समय लग सकता है।

बीआरओ कमांडर उमा शंकर ने बताया की काजा मार्ग बहाल कर लिया है। रास्ते में फंसे सभी वाहनों को निकाल लिया है। मनाली-लेह मार्ग बहाली भी युद्धस्तर पर जारी है। शुक्रवार सुबह तक लेह मार्ग पर यातायात सुचारू हो जाएगा। तांदी संसारी मार्ग पर पुलों के बह जाने से चुनौती बढ़ी है, लेकिन बीआरओ इस मार्ग पर भी याताायत सुचारू करने में जुट गया है।

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